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आयुर्वेद की रानी है ये पवित्र पौधा, वेदों में भी किया गया गुणों का बखान! इन बीमारियों से दिलाता है निजात

जयपुर:- आयुर्वेद धर्म में तुलसी का बहुत बड़ा स्थान है. सुबह सवेरे महिलाएं इसकी पूजा अर्चना करती हैं, तो युवा व बुजुर्ग इसके पत्तों को चबाकर स्वस्थ रहते हैं. हिंदू धर्म शास्त्रों में तुलसी का पौधा पवित्र पौधा माना जाता है. घर के आंगन में इस पौधे को लगाना सुख-समृद्धि का प्रतीक माना जाता है. महिलाएं घर के आंगन में तुलसी की पूजा करती हैं. पुरातन ग्रंथ वेदों में तुलसी के गुणों का वर्णन मौजूद है. आयुर्वेद में तुलसी बहुत उपयोगी पौधा है. तुलसी का पौधा झाड़ी के रूप में उगता है. इसकी पत्तियां बैंगनी आभा वाली हल्के हरे रंग की होती हैं.तुलसी पूर्वजन्म में राक्षस थी. उस समय उसका नाम वृंदा था, जो भगवान विष्णु की परम भक्त थी. राक्षस वृंदा के पति के वध के बाद वो पति के साथ सती हो गई और राख से तुलसी का पौधा प्रकट हुआ. भगवान विष्णु ने वृंदा से प्रसन्न होकर उन्हें तुलसी के रूप में पूजे जाने का वरदान दिया था.तुलसी के औषधीय गुण
आयुर्वेद में तुलसी का बहुत बड़ा स्थान है. इसे सभी जड़ी बूटियां की देवी कहा जाता है. तुलसी के पत्तों का रस शहद और अदरक के साथ मिलाकर ब्रोंकाइटिस, दमा, इन्फ़्लुएंज़ा, खांसी और सर्दी में फायदेमंद होता है.  इसके अलावा तुलसी के तेल का प्रयोग कान के दर्द को दूर भगाने में किया जाता है.वहीं तुलसी के चूर्ण का इस्तेमाल मुंह के छालों में किया जाता है. तुलसी के इस्तेमाल से मुंह के छालों में राहत मिलती है. तुलसी के पत्तों में एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-वायरल और एंटी-फ़ंगल गुण मौजूद रहते हैं, जो बेहद गुणकारी होते हैं. इसके अलावा तुलसी में मौजूद कैम्फ़ीन, सिनेओल और यूजेनॉल छाती में घर में इस तरह लगाए तुलसी का पौधा
घर में तुलसी का पौधा लगाने के लिए सबसे पहले पौधे के लिए एक ऐसी जगह चुनें, जहां पर्याप्त धूप मिले. तुलसी को रोजाना 6 से 8 घंटे धूप की आवश्यकता होती है और अच्छी जल निकासी वाली मिट्टी का चयन करें. तुलसी को बीज या पौधे दोनों के रूप में लगाया जा सकता है. यदि बीज का उपयोग कर रहे हैं, तो उन्हें मिट्टी में 0.5 से 1 इंच गहराई पर बोएं और अगर पौधा है, तो उसे सावधानी से गड्ढे में लगाएं और मिट्टी से ढक दें. लगाने के बाद पौधे को अच्छी तरह पानी दें. नियमित रूप से पानी दें, लेकिन मिट्टी ज्यादा गीला न करें. तुलसी के पौधे को नियमित रूप से पानी दें और समय-समय पर उसकी पत्तियों की छटाई करें, ताकि वह घना और स्वस्थ रहे.

 

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें.  जगन्नाथ डॉट कॉम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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