धर्म

प्रदोष व्रत के दिन शिवलिंग पर अर्पित करें विशेष चीजें, जल्द मिलेगा मनचाहा जीवनसाथी

नई दिल्ली। हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी तिथि महादेव को समर्पित है। समस्त शिव परिवार की कृपा प्राप्त करने के लिए प्रदोष व्रत (Pradosh Vrat 2024) को शुभ माना जाता है। इस दिन पूजा-अर्चना संध्याकाल में करने का विधान है। उपासना के दौरान शिवलिंग (Shivling Puja) पर कई विशेष चीजों को अर्पित कर जीवन को खुशहाल बनाया जा सकता है। धार्मिक मान्यता है कि ऐसा करने से साधक को जीवन में सभी सुखों की प्राप्ति होती है।

प्रदोष व्रत शुभ मुहूर्त

भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की त्रयोदशी (Pradosh Vrat 2024 Shubh Muhurat) तिथि 15 अगस्त को देर रात 01 बजकर 42 मिनट पर शुरू होगी और 16 सितंबर को देर रात 12 बजकर 19 मिनट पर समाप्त होगी। त्रयोदशी तिथि पर  भगवान शिव  की पूजा प्रदोष काल में होती है। ऐसे में 15 सितंबर को रवि प्रदोष व्रत किया जाएगा।

शिवलिंग पर अर्पित करें ये चीजें

प्रदोष व्रत के दिन संध्याकाल में शिव जी और मां पार्वती की पूजा करें और शिवलिंग (Shivling Puja Vidhi) पर गन्ने का रस और गुड़ अर्पित करें। ऐसी मान्यता है कि शिवलिंग पर इन चीजों को चढ़ाने से जातक को जीवन में कभी भी धन की कमी नहीं होती है और शिवलिंग पर लौंग अर्पित करने से रुके हुए कार्य पूरे होते हैं। इसके अलावा पूजा के दौरान शिवलिंग पर गेहूं और चावल अर्पित करना बेहद शुभ माना जाता है। इससे जीवन में सुख-समृद्धि में वृद्धि होती है और सभी सुखों की प्राप्ति होती है। अगर आप मनचाहा जीवनसाथी पाना चाहते है, तो इसके लिए प्रदोष व्रत के दिन पानी में गंगाजल मिलाकर शिवलिंग का अभिषेक करें और मनचाहा वर पाने के लिए प्रभु से कामना करें। माना जाता है कि ऐसा करने से मनचाहा जीवनसाथी मिलता है और जल्द विवाह के योग बनते हैं। कर्ज की परेशानी को दूर करने के लिए प्रदोष व्रत उत्तम माना जाता है। त्रयोदशी तिथि पर जल में  चावल  मिलाकर शिव लिंग पर चढ़ाएं। इससे कर्ज की समस्या से छुटकारा मिलता है और धन लाभ के योग बनते हैं।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं।  जगन्नाथ डॉट कॉम मीडिया यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।  जगन्नाथ डॉट कॉम मीडिया अंधविश्वास के खिलाफ है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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