कांकेर। उत्तर बस्तर में सक्रिय रहे 21 माओवादियों ने 18 हथियारों के साथ पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण कर दिया। जंगलवार कॉलेज में सभी नक्सलियों का रेड कारपेट बिछाकर स्वागत किया गया। सरेंडर करने वाले नक्सलियों को बस्तर आईजी ने संविधान की प्रति सौंपी। उन्होंने कहा कि एक समय था जब नक्सलियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य हुआ करते थे लेकिन 2025 की शुरुआत में इनकी संख्या घटकर 18 रह गई थी।
छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के प्रति सरकार व सुरक्षाबलों ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। पुलिस का स्पष्ट संदेश है यदि नक्सली आत्मसमर्पण कर मुख्य धारा में लौटने को तैयार हैं तो उनका स्वागत किया जाएगा। ऐसा नहीं करने पर सुरक्षाबलों की गोली का निशाना बनना पड़ेगा। जिसका असर भी देखने को मिला। इसी माह 208 नक्सलियों ने 109 हथियारों के साथ जगदलपुर में सरेंडर किया, जिसके बाद कांकेर जिले के दो एरिया कमेटी ने एक साथ हथियार डाले हैं, जिसमें 21 नक्सलियों ने 18 हथियार पुलिस को सौंपे है।
13 महिला और 8 पुरुष शामिल
‘पूना मार्गम, पुनर्वास के माध्यम से पुनर्जीवन’ पहल के तहत 26 अक्टूबर को इन नक्सलियों ने संगठन छोड़ा था। आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली केशकल डिवीजन (नॉर्थ सब जोनल ब्यूरो) की कुएमारी और किसकोडो एरिया कमेटी से संबंधित हैं। इनमें डिवीजन कमेटी सेक्रेटरी मुकेश भी शामिल हैं। कुल 21 कैडरों में 13 महिला और 8 पुरुष शामिल हैं। इन कैडरों में 4 डीवीसीएम (डिवीजन वाइस कमेटी मेंबर), 9 एसीएम (एरिया कमेटी मेंबर) और 8 पार्टी सदस्य हैं, जिन्होंने हिंसा का रास्ता छोड़कर समाज की मुख्यधारा में शामिल होने का निर्णय लिया है। नक्सल कैडरों द्वारा सौंपे गए हथियारों में 3 एके-47 राइफलें, 4 एसएलआर राइफलें, 2 इंसास राइफलें, 6 संख्या में 303 राइफलें, 2 सिंगल शॉट राइफलें और 1 बीजीएल हथियार शामिल हैं।

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