मानसून की विदाई के बाद भी चक्रवाती परिसंचरण के असर के चलते दक्षिणी हिस्सों में बादल बारिश की स्थिति बनी हुई है।मौसम विभाग ने 15 से 17 अक्टूबर के बीच इंदौर, नर्मदापुरम और जबलपुर संभाग के कुछ जिलों में गरज-चमक के साथ हल्की बारिश की संभावना जताई है। हालांकि भोपाल, ग्वालियर, उज्जैन और आसपास के क्षेत्रों में मौसम साफ रहेगा और धूप निकलेगी। दीपावली बाद उत्तर भारत से ठंडी हवाओं का रुख तेज होगा और प्रदेश के तापमान में तेजी से गिरावट आएगी और गुलाबी ठंड का अहसास होने लगेगा। सोमवार-मंगलवार की दरमियानी रात प्रदेश में सबसे कम 14.4 डिग्री सेल्सियस तापमान राजगढ़ और सबसे अधिक 34.8 डिग्री सेल्सियस पारा सीधी में रिकॉर्ड किया गया।26 शहरों में रात में गुलाबी ठंड महसूस की गई और पारा 20 डिग्री सेल्सियस से नीचे रहा।
मध्य प्रदेश मौसम विभाग का ताजा पू्र्वानुमान
दक्षिण-पश्चिम मानसून की वापसी रेखा 14° उत्तर / 72° पूर्व, कारवार, कलबुर्गी, निज़ामाबाद, कांकेर, चांदबाली, 21.0° उत्तर/90.0° पूर्व, 22.0° उत्तर/95.0° पूर्व और 23.0° उत्तर/98.0° पूर्व से होकर गुज़र रही है। एक ऊपरी हवा का चक्रवातीय परिसंचरण, माध्य समुद्र तल से 3.1 किमी कीnऊंचाई पर दक्षिण-पश्चिम बंगाल की खाड़ी और संलग्न भारतीय भूमध्यरेखीय महासागर के ऊपर सक्रिय है। इसके पश्चिम-उत्तर-पश्चिम की ओर कोमोरिन क्षेत्र की ओर बढ़ने की संभावना है। इसके प्रभाव में, 19 अक्टूबर के आसपास दक्षिण-पूर्व अरब सागर और केरल-दक्षिण कर्नाटक तटों से लगे लक्षद्वीप क्षेत्र में एक निम्न दबाव का क्षेत्र बनने की संभावना है।इस मौसम प्रणाली से प्रभाव कम पड़ेगा, लेकिन हवाओं के साथ नमी आने से बादल छा सकते हैं।फिलहाल 18 अक्टूबर तक दक्षिण हिस्से में बारिश की संभावना जताई गई है।
पूरे मध्य प्रदेश से मानसून हुआ विदा
मध्य प्रदेश से दक्षिण पश्चिम मानसून पूरी तरह से विदा हो गया है। जून में खरगोन के रास्ते से प्रदेश में प्रवेश करने वाला मानसून रविवार सोमवार को रीवा, शहडोल और जबलपुर संभाग के रास्ते से विदा हुआ। सोमवार को सिंगरौली, सीधी, शहडोल, उमरिया, अनूपपुर, डिंडौरी, मंडला, बालाघाट, जबलपुर, छिंदवाड़ा और पांढुर्णा से मानसून विदा हुआ।इससे पहले उज्जैन, राजगढ़,अशोकनगर ग्वालियर, श्योपुर, मुरैना, भिंड, दतिया, शिवपुरी, गुना, आगर-मालवा, नीमच, मंदसौर, रतलाम भोपाल, इंदौर, धार, बड़वानी, खरगोन, बुरहानपुर, खंडवा, हरदा, सीहोर, रायसेन, विदिशा, नर्मदापुरम, बैतूल, सागर और उज्जैन से मानसून विदा हो चुका था। इस साल 3 महीने 28 दिन मानसून एक्टिव रहा।आमतौर पर मानसून 6 अक्टूबर तक विदा हो जाता है लेकिन इस बार नए वेदर सिस्टम के बार बार एक्टिव होने से मानसून की वापसी में देरी हुई। इस वर्ष मानसून ने प्रदेश में 16 जून को दस्तक दी थी
Madhya Pradesh: 1 जून से 14 अक्टूबर तक कहां कितनी हुई वर्षा
- मध्य प्रदेश में अब तक 48 इंच बारिश हो चुकी है वैसे 37.3 इंच पानी गिरना था। प्रदेश की सामान्य बारिश औसत 37.2 इंच है। अब तक 123 प्रतिशत बारिश हो चुकी है पिछले मानसूनी सीजन में औसत 44 इंच बारिश हुई थी। गुना में सबसे ज्यादा 65.6 इंच बारिश हुई। मंडला-रायसेन में 62 इंच और श्योपुर-अशोकनगर में 56 इंच से ज्यादा बारिश हो चुकी है। हालांकि शाजापुर, खरगोन, खंडवा, बड़वानी और धार में सबसे कम बारिश हुई।
- ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, भिंड, मुरैना, दतिया और श्योपुर में कोटे से ज्यादा पानी गिर चुका है। भोपाल, राजगढ़, रायसेन, विदिशा, अलीराजपुर, बड़वानी, कटनी, नरसिंहपुर, सिवनी, मंडला, ग्वालियर, शिवपुरी, गुना, अशोकनगर, दतिया, पन्ना, छतरपुर, टीकमगढ़, निवाड़ी, रतलाम, मंदसौर, नीमच, आगर-मालवा, भिंड, मुरैना, श्योपुर, सिंगरौली, सीधी, सतना और उमरिया में बारिश का कोटा फुल हो चुका है।





