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खान सर के अस्पताल में तोड़फोड़! रातोंरात उखाड़े गए महंगे टाइल्स, वजह जान कहेंगे- ये कैसे

पटना: इन दिनों पटना के मशहूर शिक्षक खान सर मेडिकल क्षेत्र में एंट्री को लेकर चर्चा में बने हुए हैं. वह एक बड़ा अस्पताल बना रहे हैं और दावा कर रहे हैं कि यहां मरीजों का इलाज सरकारी अस्पताल से भी सस्ते में होगा. खान सर ने यह भी घोषणा की है कि उनके द्वारा ब्लड बैंक, डायलिसिस सेंटर से लेकर कैंसर अस्पताल तक की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी. इस दिशा में लगातार काम भी कर रहे हैं. कुछ दिनो पहले ही उन्होंने दर्जननभर डायलिसिस मशीन के साथ वीडियो शेयर किया था.

फिलहाल अस्पताल का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है. इसी दौरान एक ऐसा वाकया हुआ जिसने खुद खान सर को भी हैरान कर दिया. उन्होंने अस्पताल की फ्लोरिंग के लिए बेहद महंगे और चमकदार टाइल्स लगवाए थे, लेकिन बाद में मजबूरी में उन सभी टाइल्स को तोड़कर निकालना पड़ा. जब वजह सामने आई तो खुद खान सर भी दंग रह गए.

क्यों तोड़ना पड़ा टाइल्स 
सोशल मीडिया पर वायरल एक वीडियो में खान सर बताते हुए नजर आ रहे हैं कि उन्होंने अस्पताल के ऑपरेशन थिएटर में महंगे और चमकदार मार्बल जैसे टाइल्स लगवाए थे. लेकिन जैसे ही इंस्पेक्शन के लिए अधिकारी पहुंचे तो उन्होंने तुरंत मार्बल हटाने का आदेश दे दिया. इसके बाद पूरे ऑपरेशन थिएटर से उन महंगे टाइल्स को तोड़कर निकालना पड़ा.खान सर कहते हैं कि जब उन्हें इसकी जानकारी मिली तो वह पहले तो पूरी तरह हैरान रह गए. लेकिन जब इसके पीछे की वजह जानी तो और भी दंग रह गए. दरअसल ऑपरेशन थिएटर में टाइल्स नहीं लगाया जाता है. क्योंकि दो टाइल्स को जोड़ने पर बीच में एक ज्वाइंट जैसा बन जाता है. इस ज्वाइंट में बैक्टीरिया, वायरस और फंगस जमा हो जाते हैं. उनका साइज इतना छोटा होता है कि एक सरसों के दाने के अंदर एक हजार हो जाते हैं. इसीलिए ज्वाइंट माही होना चाहिए.टाइल्स तोड़ लगाया गया खास मैट 
खान सर ने आगे बताया, “इतना शौंक से हूं मार्बल लगवाएं थे लेकिन सब तोड़कर निकलना पड़ा. इसके बाद ओटी मैट लगाना पड़ा. यह बेहद खास मैट होता है जिसमें कोई भी ज्वाइंट नहीं होता है. पूरे ऑपरेशन थिएटर में फिर इसी तरह का मैट लगाया गया. इस मैट को खास ऑपरेशन थिएटर में भी लगाने के लिए बनाया जाता है. देखने में बिल्कुल मार्बल जैसा ही लगता है.”खान सर के अस्पताल के मरीज होंगे गेस्ट
खान सर ने यह भी कहा है कि उनके अस्पताल या डायलिसिस सेंटर में किसी भी बीमार इंसान को मरीज, पेशेंट या केस के नाम से नहीं बुलाया जायेगा. उनकी नजर में वे सब ‘गेस्ट’ यानी मेहमान होंगे. उनका कहना है, “बीमार व्यक्ति पहले से ही दर्द और तकलीफ से गुजर रहा होता है. अगर उसे मरीज या पेशेंट कहकर पुकारा जाए तो उसका आत्मविश्वास और गिर जाता है. इसलिए मेरे सेंटर में सभी को गेस्ट कहा जाएगा.”

Manoj Mishra

Editor in Chief

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