सुकमा। सुकमा जिले के पाकेला के पोटाकेबिन छात्रावास में उस वक्त अफरा-तफरी मच गई, जब बच्चों को परोसे जाने वाले भोजन से तेज जहरीली गंध आने लगी। भोजन में मिलावट का अंदेशा होते ही बच्चों ने खाने से इनकार कर दिया और इसकी जानकारी स्टाफ को दी। इसी सतर्कता की वजह से 426 बच्चों की जिंदगी बच गई, वरना मामूली लापरवाही एक बड़े हादसे में बदल सकती थी। प्रारंभिक जानकारी में यह सामने आया है कि शिक्षक और अधीक्षक के बीच चली आ रही आपसी दुश्मनी ने इस खतरनाक साजिश को जन्म दिया।
जैसे ही मामला उजागर हुआ, पोटाकेबिन परिसर में हड़कंप मच गया। तुरंत भोजन को नष्ट कर दिया गया और अधिकारियों को खबर दी गई। इस घटना ने पूरे इलाके में सनसनी फैला दी है, क्योंकि शिक्षा संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा के साथ इस तरह का खिलवाड़ अब तक का सबसे चौंकाने वाला मामला माना जा रहा है।

घटना की गंभीरता को देखते हुए जिला प्रशासन ने तत्काल एक उच्चस्तरीय जांच समिति गठित कर दी। टीम ने मौके पर पहुंचकर बच्चों और कर्मचारियों से पूछताछ की तथा प्रारंभिक तथ्य जुटाए। प्रशासन का कहना है कि दोषियों की पहचान कर जल्द से जल्द कठोर कार्रवाई की जाएगी।

अधिकारियों ने साफ संकेत दिया है कि बच्चों की जान से खिलवाड़ करने वालों को किसी भी सूरत में बख्शा नहीं जाएगा। जांच समिति से 48 घंटे में विस्तृत रिपोर्ट तलब की गई है, जिसके आधार पर आगे की कानूनी प्रक्रिया को अंजाम दिया जाएगा।
यह मामला जहां बच्चों की सतर्कता का उदाहरण है, वहीं इसने सुरक्षा व्यवस्था पर भी बड़े सवाल खड़े कर दिए हैं। अब जरूरत है कि छात्रावासों और विद्यालयों में निगरानी व्यवस्था को और सख्त किया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की दुस्साहसिक घटनाएं दोबारा न हो सकें।
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