छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने हाईकोर्ट के रजिस्ट्रार जनरल को शिकायतकर्ता के खिलाफ आपराधिक मुकदमा शुरू करने का निर्देश दिया, जिसने गलत उद्देश्य के लिए हाईकोर्ट में नौकरी सुरक्षित करने के लिए एक आरोपी को पैसे दिए।चीफ़ जस्टिस रमेश सिन्हा की पीठ ने यह भी कहा कि रजिस्ट्रार जनरल द्वारा कई चेतावनियों के बावजूद आम जनता हाईकोर्ट और जिला अदालतों में नौकरियां सुरक्षित करने के लिए दलालों के हाथों आसान निशाना बन रही है।
अदालत ने आरोपी को जमानत देने से इनकार करते हुए ये टिप्पणियां कीं, जिस पर भारतीय दंड संहिता की धारा 420 और 34 के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी ने कथित तौर पर शिकायतकर्ता को 5,15,000 रुपये के भुगतान के बदले हाईकोर्ट में उसके और उसके दोस्त के लिए नौकरी दिलाने का वादा करके धोखा दिया। हालांकि, शिकायतकर्ता को बाद में पता चला कि ऐसी कोई नौकरी मौजूद नहीं थी, जैसा कि आरोपी ने झूठा वादा किया था। अदालत ने कहा कि शिकायतकर्ता को इस मामले में निर्दोष व्यक्ति नहीं कहा जा सकता क्योंकि उसने खुद हाईकोर्ट में नौकरी पाने के लिए पैसे दिए थे, जिस पर अदालत ने जोर देकर कहा कि कानून की नजर में किसी भी तरह से उचित नहीं है और इस प्रकार, वह भी आपराधिक अभियोजन के लिए उत्तरदायी है।