बहुतायत मात्रा में गेठी उगाई और खाई जाती है. आयुर्वेद के अनुसार, गेठी कई बिमारियों का रामबाण इलाज है. गेठी में कॉपर, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीज जैसे तत्व पाए जाते हैं. इसके सेवन से कैंसर और गठिया जैसी बिमारी से निजात मिलता है.डॉ. ऐजल पटेल ने आगे बताया कि गेठी में विटामिन बी प्रचुर मात्रा में होता है, जो त्वचा रोगों की रोकथाम में मदद करता है. गेठी का पेस्ट बनाकर चेहरे और त्वचा पर लगाने से फोड़े-फुंसी से राहत मिलती है. गेठी में ग्लूकोज और रेशेदार फाइबर होता है, जिससे खून में ग्लूकोज का स्तर धीरे-धीरे बढ़ता है. इसमें कॉपर, आयरन, पोटैशियम और मैग्नीज जैसे तत्व भी होते हैं. इसे खांसी की अचूक औषधि माना जाता है. पहाड़ में गेठी को दवा के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है.
इसके सेवन के बारे में विस्तार से बताते हुए डॉ. ऐजल पटेल ने कहा कि पहाड़ में गेठी को कई तरीकों से खाया जाता है, जिसमें मुख्य रूप से इसकी सब्जी बनाकर सेवन किया जाता है. इसे कोयलों के बीच में रखकर पकाकर भी खाया जाता है.इसके अलावा, इसे गरम पानी में उबालकर और नमक लगाकर भी खाया जाता है. कहीं-कहीं इसे सलाद के रूप में भी इस्तेमाल किया जाता है. उन्होंने बताया कि आयुर्वेदिक डॉक्टर भी उचित मात्रा में गेठी के सेवन की सलाह देते हैं.उन्होंने कहा कि आयुर्वेद के अनुसार, सर्दियों के मौसम में एयर पोटैटो यानी की गेठी स्वास्थ्य के लिए बेहतरीन लाभदायक सब्जी है. इसकी सब्जी को रोजाना डाइट में शामिल करना चाहिए, जिससे शरीर को भरपूर मात्रा में पोषक तत्व मिल सके. इसके सेवन से शरीर को अनेकों बिमारियों से निजात मिलेगा.
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