मुजफ्फरपुर. सरकारी स्कूलों में पहली से 8वीं तक के विद्यार्थियों का होलिस्टिक प्रगति कार्ड बनाया जाएगा. राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद ‘एनसीईआरटी’ की ओर से विद्यार्थियों के होलिस्टिक विकास को परखने करने के लिए यह कदम उठाया जा रहा है. दरअसल, राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत सीबीएसई के स्कूलों की तरह मप्र बोर्ड के स्कूलों के विद्यार्थियों का भी होलिस्टिक प्रगति कार्ड तैयार होगा.
इसमें विद्यार्थियों का मूल्यांकन शिक्षकों के साथ अभिभावक भी करेंगे और विद्यार्थियों को भी आत्म मूल्यांकन करना होगा. अभिभावकों का फीडबैक सहित शिक्षा के अतिरिक्त गतिविधियों का आकलन कर ग्रेडिंग की जाएगी. एनसीईआरटी के तहत कार्यरत राष्ट्रीय मूल्यांकन केंद्र ने विभिन्न कक्षाओं के लिए प्रगति कार्ड विकसित किए हैं. इन प्रगति कार्डों का उद्देश्य विद्यार्थियों की प्रगति को विभिन्न गतिविधियों के माध्यम से आकलन किया जाएगा. प्रगति कार्ड बच्चों का व्यापक मूल्यांकन करेगा. इसमें शारीरिक, सामाजिक-भावनात्मक, साक्षरता, अध्ययन और अन्य क्षेत्रों में उनकी उपलब्धियों की ग्रेडिंग की जाएगी. इसमें विद्यार्थियों के परीक्षाओं और प्रोजेक्ट के अंक सहित अनुशासन, उपस्थिति नोटबुक तैयार करने सहित अन्य गतिविधियों के अंक दिए जाएंगे. इसके आधार पर प्रगति कार्ड तैयार किया जाएगा.बच्चे की पढ़ाई में माता-पिता भी बनेंगे भागीदारइसके अलावा प्रगति कार्ड घर और स्कूल के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा. इससे अभिभावक-शिक्षक बैठक आयोजित की जा सकेगी और माता-पिता को बच्चों की समग्र शिक्षा और विकास में सक्रिय रूप से शामिल किया जा सकेगा. शिक्षकों को प्रशिक्षण दिया जाएगा. इसके लिए शिक्षकों, सभी जिला शिक्षा और प्रशिक्षण संस्थानों के 100 शिक्षकों को मास्टर ट्रेनर के रूप में प्रशिक्षित किया गया है. इन मास्टर ट्रेनरों की मदद से स्कूलों के शिक्षकों को प्रशिक्षित किया जाएगा. इस प्रगति कार्ड से बच्चों की समग्र शिक्षा और विकास में माता-पिता भी अब बराबर के भागीदार बनेंगे. प्रगति कार्ड घर और स्कूल के बीच एक महत्वपूर्ण कड़ी बनेगा. अभिभावक-शिक्षक बैठक के दौरान इस पर चर्चा की जाएगी. रिपोर्ट कार्ड के आधार पर माता-पिता को बच्चों के विकास में सक्रिय रूप से शामिल किया जा सकेगा. बच्चे की होमवर्क करने की क्षमता और बच्चा कक्षा में पाठ का पालन करने में कितना सक्षम है.