सूरजपुर. कलेक्टर रोहित व्यास के निर्देश पर महिला एवं बाल विकास विभाग की टीम बाल विवाह रोकने के लिए सक्रिय है। जिला कार्यक्रम अधिकारी रमेश साहू के समक्ष लड़की के माता-पिता ने लिखित शिकायत किया की उनकी बालिका जो 19 वर्षिय की है। उसे उनके रिशतेदार अपने 18 वर्षिय पुत्र से विवाह के लिए ले आये है और 05 जून को उसका विवाह कर देने वाले है। जिला कार्यक्रम अधिकारी ने जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल को निर्देशित किया की जांच करें और कार्यवाही करें।
जिला बाल संरक्षण अधिकारी ने पुलिस महिला बाल विकास विभाग, चाईल्ड लाईन की संयुक्त टीम के साथ ग्राम सतपता विश्रामपुर गई। संबंधित स्कूल से दस्तावेजों का परीक्षण करने पर पता चला की बालकों का उम्र मात्र 16 वर्ष 09 माह हुआ है। घर जाकर घरवालों से भी शैक्षणिक दस्तावेज प्रस्तुत करने को कहा तो कक्षा 05वीं का अंक सूची प्रस्तुत किया गया। उसमें भी बालक का जन्म तिथि वही निकला।
लड़की का कथन लड़के के पिता का कथन, पंचनामा तैयार किया गया और लड़की का विवाह संपन्न ना हो इस लिए ले जाकर सखी वन स्टाप सेंटर सूरजपुर में संरक्षित किया गया। बालिका को समझाइस दी गई कि उनका विवाह यदि हो जाता है तो बालिका को सजा हो जायेगा। तब जाकर बालिका विवाह नहीं करने को तैयार हुई।
दूसरा प्रकरण प्रतापपुर विकास खण्ड़ के दूरस्थ रेंवटी के पास के ग्राम रामपुर में एक 19 वर्षीय बालक के मण्डप गाड़ने और बारात उत्तर प्रदेश जाने की सूचना पर प्रभारी परियोजना अधिकारी संतोषी सिंह के साथ सेक्टर सुपरवाईजर सावित्री गुप्ता पुलिस बल के साथ ग्राम पहुंचे। जहां दस्तावेज का परिक्षण पश्चात समझाइस दिया गया। परिजन विवाह रोकने को तैयार हो गये और मण्डप उखाड़ दिये, दो वर्ष हो जाने के बाद ही विवाह करने की बालक का दस्तावेज तैयार किया गया।
बाल विवाह रोकवाने में जिला बाल संरक्षण अधिकारी मनोज जायसवाल, सामाजिक कार्यकर्ता अंजनी साहू, जिला बाल संरक्षण इकाई पवन धीवर, चाईल्ड लाईन से कु. शीतल सिंह, प्रकाश राजवाडे़, थाना विश्रामपुर से विकास सिंह, आरक्षक बिहारी पाण्डेय, महिला प्रधान आरक्षक कांस्टेबल कमला सिंह उपस्थित थे।