हीटवेव ने दस्तक दे दी है. देशभर के कई राज्यों में पारा 40 डिग्री सेल्सियस पार कर गया है. अगर ऐसा ही मौसम रहा तो आने वाले दिनों में डिहाइड्रेशन के मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी देखी जा सकती है. हीटवेव के बढ़ते हुए प्रकोप को देखते हुए केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय की तरफ से भी गाइडलाइन जारी की गई है.
स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपनी गाइडलाइन में क्या कहा?
स्वास्थ्य मंत्रालय ने ट्विटर पर एक पोस्ट शेयर किया है. इस पोस्ट के माध्यम से हेल्थ मिनिस्ट्री ने लोगों को हीटवेव से बचने के लिए खुद को तैयार करने को कहा है. साथ ही अगर अगर गर्मी के चलते आपको घबराहट जैसा कुछ भी महसुस हो रहा है तो खुद को हाइड्रेट रखने की सलाह दी है. खूब पानी पीने, लूज कपड़े पहनने, ठंडी जगह पर रहने को कहा है. इसके अलावा, अगर कोई बेहोशी की अवस्था में हो तो उस स्थिति में उसे उसी वक्त पानी ना पिलाने का निर्देश दिया है.
एक्सपर्ट्स की क्या है राय?
एक्सपर्ट्स की मानें तो बेहोश व्यक्ति को पानी निगलने में दिक्कत होती है. ऐसे में ये पानी पेट की बजाय लंग्स में प्रवेश कर सकता है. ऐसे में उस व्यक्ति को सांस लेने की तकलीफ हो सकती है. साथ ही उसे निमोनिया होने का भी खतरा बढ़ सकता है.
आ सकती है इलेक्ट्राइट्स असंतुलन की स्थिति
अगर व्यक्ति को पानी या फ्लूइड गलत तरीके से दिया गया है तो ब्लड स्ट्रीम में इलेक्ट्राइट्स का अंसतुलन पैदा कर सकता है. इससे हार्ट सबंधी दिक्कतें हो सकती हैं. इसके अलावा व्यक्ति के बेहोश होने का असली कारण क्या है, इसे पता लगाने में भी देरी हो सकती है.
जब कोई बेहोश हो तो क्या करें?
अगर कोई बेहोश हो तो इमरजेंसी की सिचुएशन में व्यक्ति के सिर को धीरे से एक तरफ झुकाकर और ठुड्डी को ऊपर उठा दें. इससे श्वसन तंत्र का रास्ता खुला रहेगा. सांस नहीं आने की स्थिति में इसे रिकवरी पोजीशन भी कहा जाता है. बेहोश व्यक्ति को अगर उल्टी हो रही है तो यह पोजीशन उसका दम घुटने से बचाता है. इस दौरान देखें कि बेहोश व्यक्ति सांस ले भी पा रहा है या नहीं. अगर सांस नहीं आ रही है तो उसे सीपीआर देने की कोशिश कर दें. अगर इसके बाद भी व्यक्ति को परेशानी हो रही हो तुरंत उसे अस्पताल लेकर पहुंचें.