राजधानी रायपुर के दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में एयरोबैटिक टीम ने स्कूली बच्चों से किया संवाद
रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य स्थापना की रजत जयंती के अवसर पर राजधानी रायपुर में पांच नवंबर यानी राज्योत्सव के समापन पर भारतीय वायुसेना के जांबाज सूर्यकिरण एरोबैटिक शो करने जा रहे हैं। यह शो कितना रोमांचक व हैरत अंगेज उसका अंदाजा इसे लेकर बने उत्साह से ही दिख रहा है। सोमवार को भारतीय वायुसेना की प्रसिद्ध सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम (Suryakiran Aerobatic Team – SKAT) ने स्कूली बच्चों से संवाद किया। इस दौरान बच्चों ने टीम से पूछा हवा में हार्ट कैसे बनाते हैं। टीम भी इसका मुस्कुराकर जवाब दिया।
भारतीय वायुसेना की सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम के सदस्य दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम पहुंचे, जहां उन्होंने स्कूली बच्चों से बात की और उनके सवालों का जवाब दिया। टीम के पायलटों और तकनीकी विशेषज्ञों को देखकर बच्चों में जबरदस्त उत्साह दिखा। सभागार में तालियों की गड़गड़ाहट के बीच बच्चों ने उत्साह से उनका स्वागत किया। कार्यक्रम में उपस्थित बच्चों और अभिभावकों ने कहा कि यह संवाद बच्चों के लिए अविस्मरणीय रहा। इससे उनमें आत्मविश्वास बढ़ा है और वे अब भारतीय सशस्त्र बलों को नए दृष्टिकोण से देख रहे हैं। कार्यक्रम के अंत में सूर्यकिरण टीम ने सभी विद्यार्थियों को 5 नवम्बर को नवा रायपुर में आयोजित ‘एरोबैटिक शो’ में शामिल होकर भारतीय वायुसेना के शौर्य का साक्षी बनने का आमंत्रण दिया।

बच्चों ने पूछे सवाल, टीम ने दिया जवाब
उड़ान के दौरान टीम के पायलटों के बीच कितनी दूरी रहती है, मौसम का क्या प्रभाव पड़ता है, और हवा में बने “हार्ट” या “एरोहेड” जैसे फॉर्मेशन कैसे बनाए जाते हैं। टीम के सदस्यों ने मुस्कुराते हुए हर सवाल का जवाब सरल और प्रेरक अंदाज़ में दिया। सूर्यकिरण टीम के सदस्यों ने कहा कि उनका उद्देश्य केवल हवाई प्रदर्शन तक सीमित नहीं है, बल्कि नई पीढ़ी में देशभक्ति, अनुशासन और समर्पण की भावना जगाना भी है। उन्होंने बच्चों से कहा “हमारी उड़ान तभी सार्थक है जब आपकी आँखों में भी उड़ने का सपना जग जाए।”

अनुशासन, सटीकता और टीमवर्क से दिखाती है करतब
टीम के सदस्यों ने बच्चों को बताया कि कैसे सूर्यकिरण एरोबैटिक टीम अनुशासन, सटीकता और टीमवर्क के माध्यम से आकाश में अद्भुत करतब करती है। उन्होंने समझाया कि हवाई करतब केवल कौशल का प्रदर्शन नहीं, बल्कि साहस, एकाग्रता और धैर्य की परीक्षा भी होती है। टीम ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हर उड़ान एक जिम्मेदारी है — न केवल भारतीय वायुसेना के प्रति, बल्कि पूरे राष्ट्र के गौरव के प्रति भी। उन्होंने विद्यार्थियों को संदेश दिया कि अगर वे मन लगाकर मेहनत करें, तो कोई लक्ष्य असंभव नहीं। टीम ने बच्चों को भारतीय वायुसेना के जीवन, प्रशिक्षण और तकनीकी तैयारियों के बारे में भी जानकारी दी। उन्होंने बताया कि एयर फोर्स के बनने के लिए न केवल शारीरिक फिटनेस जरूरी है, बल्कि मानसिक मजबूती और वैज्ञानिक सोच भी उतनी ही आवश्यक है।
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