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हां लेकिन…हमास का दो शब्दों वाला जवाब, क्या ट्रंप की ‘गलतफहमी’ में ही रुक गया गाजा का युद्ध?

गाजा में दो साल से हो रही तबाही के बाद आखिरकार युद्धविराम को लेकर समझौते पर दोनों देश राजी हो गए हैं। इसका पूरा क्रिडिट अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को दिया जा रहा है। हालांकि राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की एक चतुर चाल या शायद एक ‘गलतफहमी’ के कारण गाजा में इजराइल-हमास युद्ध विराम कुछ दिनों में समझौता हो गया और दोनों पक्ष इस पर राजी हो गए।

थक चुका है हमास- अमेरिकी अधिकारी

बुधवार को घोषित इस समझौते के तहत अंतिम 48 बंधकों कि रिहायी तय हुई है, जिनमें से लगभग 20 के जीवित होने की संभावना है। अमेरिका के दो वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, समय के साथ हमास के लिए बंधक बोझ बन गए थे, जिससे समझौते का रास्ता खुला। एक अधिकारी ने बताया कि अमेरिका के विशेष दूत स्टीव विटकॉफ और ट्रंप के दामाद जारेड कुशनर के नेतृत्व में वार्ताकारों ने पाया कि ‘हमास अब थक चुका है।’

समझौते के बावजूद प्रमुख प्रश्न अब भी बने हुए हैं, जिसमें शासन और उस क्षेत्र के पुनर्निर्माण के सवाल शामिल है जो काफी हद तक नष्ट हो गया है। साथ ही यह भी सवाल है कि क्या हमास निरस्त्रीकरण करेगा, जो इजराइल की प्रमुख मांग है और जिसे हमास ने अभी तक सार्वजनिक रूप से स्वीकार नहीं किया है। सितंबर की शुरुआत में जब अमेरिका, मिस्र और कतर की मध्यस्थता वाली शांति वार्ताएं ठप पड़ी थीं तो इजराइल ने कतर में हमास नेताओं पर हवाई हमला किया, जिससे पांच हमास सदस्यों और एक कतरी सुरक्षा अधिकारी की मौत हुई। इस घटना से खाड़ी देशों और अमेरिका में भारी नाराजगी फैल गई।

हमास का दो शब्दों का जवाब

ट्रंप ने तुरंत कतर से माफी मांगी क्योंकि यह हमला पश्चिम एशिया में शांति के उनके अभियान को नुकसान पहुंचा सकता था। दो सप्ताह बाद ट्रंप ने संयुक्त राष्ट्र महासभा के दौरान आठ मुस्लिम देशों के नेताओं से मुलाकात की और अपनी 20 सूत्रीय शांति योजना प्रस्तुत की। योजना में हमास से सभी बंधकों की रिहाई, हथियार छोड़ने और सत्ता छोड़ने की मांग की गई थी। ट्रंप ने चेतावनी दी कि ‘अगर यह अंतिम मौका असफल रहा, तो हमास पर ऐसा प्रहार होगा जैसा दुनिया ने कभी नहीं देखा होगा।’ कुछ घंटों बाद हमास ने जवाब, ‘‘हां, लेकिन…’’।

अमेरिका और इजराइल इसे ‘ना’ मान सकते थे और इज़राइल की शर्तों पर युद्धविराम न हो पाने के लिए हमास को दोषी ठहरा सकते थे, जैसा कि उन्होंने पहले भी किया था। इज़राइल गाजा शहर पर आक्रमण जारी रखने की कसम भी खा सकता था लेकिन जब शुक्रवार देर रात हमास की प्रतिक्रिया आई, तो ट्रंप ने इसे शांति समझौते के लिए हमास की स्वीकृति माना और तुरंत गाजा पर बमबारी रोकने की अपील की। इजराइल ने भी बंधकों की रिहाई के पहले चरण की तैयारी की घोषणा की।अमेरिकी अधिकारियों ने ट्रंप की सोच पर कोई टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। अगर ट्रंप ने हमास के जवाब को गलत समझा, तो कोई भी उन्हें सही करना नहीं चाहता था। न तो हमास, जिसने उनकी चेतावनी को नजरअंदाज कर दिया था और न ही नेतन्याहू, जो उनके समझौते को बिगड़ते हुए नहीं दिखना चाहते थे। इजराइली विदेश मंत्री गिदोन सार ने गुरुवार को कहा कि ट्रंप का यह कदम चालाकी भरा लेकिन निर्णायक था। उन्होंने न केवल अवसर का लाभ उठाया बल्कि एक नया अवसर खुद पैदा कर दिया।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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