रायसेन: केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने गुरुवार को रायसेन शहर के दशहरा मैदान में पहुंचकर लोगों को विजयदशमी की शुभकामनाएं दीं और एक सशक्त संदेश दिया. अपने संबोधन में उन्होंने स्वयं को सेवक बताते हुए जनता से दो महत्वपूर्ण संकल्प लेने का आग्रह किया. साथ ही किसानों के लिए फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में की गई वृद्धि की घोषणा भी की.
केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह चौहान स्थानीय दशहरा मैदान में आयोजित रामलीला के मंचन को देखने पहुंचे और रावण दहन के बाद भोपाल के लिए रवाना हुए. इस दौरान उनके साथ क्षेत्रीय विधायक डॉ. प्रभुराम चौधरी, भाजपा जिलाध्यक्ष राकेश शर्मा सहित हिंदू उत्सव समिति के सदस्य भी उपस्थित थे.शिवराज सिंह ने भगवान राम को बताया अस्तित्व
मंच से जनता को संबोधित करते हुए शिवराज सिंह चौहान ने कहा, “राम हमारे अस्तित्व हैं, राम हमारे आराध्य हैं, राम हमारे प्राण हैं, राम हमारे भगवान हैं.” उन्होंने स्पष्ट किया कि, ”वह यहां एक मंत्री के तौर पर नहीं, बल्कि आपके सेवक के रूप में आए हैं, और जब तक सांस चलेगी, वह जनता की सेवा करते रहेंगे.” यह बात कहते हुए उन्होंने सभी को विजयदशमी की हार्दिक शुभकामनाएं दीं.किसानों के लिए राहत और स्वदेशी का आह्वान
अपने संबोधन में शिवराज सिंह चौहान ने सरकार द्वारा किसानों के हित में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों पर भी प्रकाश डाला. उन्होंने घोषणा की कि, ”सरकार ने गेहूं की एमएसपी में 160 प्रति क्विंटल, चना में 225, मसूर में 300 और सरसों में 250 प्रति क्विंटल की बड़ी वृद्धि की है. यानी गेहूं अब 2585 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा. इसके अलावा मसूर 7000 रुपये प्रति क्विंटल, चना 5875 रुपये प्रति क्विंटल, सरसों 6200 रुपये प्रति क्विंटल की दर से खरीदा जाएगा.” उन्होंने कहा कि, ”देश में जनहित के काम इसी तरह लगातार चलते रहेंगे.”
शिवराज का संकल्प, स्वदेशी वस्तुओं को ही खरीदेंगे
दशहरा देखने मैदान पहुंचे शिवराज सिंह चौहान ने विशाल जनसमूह से दो बड़े निवेदन किए, जिन्हें उन्होंने देश को आगे बढ़ाने के लिए आवश्यक बताया.
पहला निवेदन था कि “हम सब मिलकर संकल्प लें कि अपने देश को आगे बढ़ाने के लिए केवल स्वदेशी वस्तुओं को ही खरीदेंगे, विदेशी वस्तुओं को नहीं. इससे अपने लोगों को रोजगार मिलेगा और देश मजबूत होगा. दूसरा और सबसे महत्वपूर्ण निवेदन उन्होंने आंतरिक बुराई को खत्म करने को लेकर किया.”
उन्होंने कहा, “हम रावण को तो जला देंगे, लेकिन बुराई फिर भी रह जाती हैं. इसलिए मैं आपसे कहता हूं कि अपने अंदर जो रावण बैठा है बुराई के तौर पर, उसे ढूंढकर मार देना ही असली रावण को मारने के बराबर है.” शिवराज सिंह चौहान का यह दौरा रामलीला के सांस्कृतिक मंचन से शुरू होकर राष्ट्र और व्यक्ति के आंतरिक विकास के संकल्प के साथ समाप्त हुआ