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एमपी में नहीं लगेगा स्मार्ट मीटर, इतने साल तक की लगी रोक

राजधानी  भोपाल समेत  के हर घर में युद्ध स्तर पर चलाए जा रहे स्मार्ट मीटर लगाने का अभियान टल गया है। राज्य विद्युत नियामक आयोग ने स्मार्ट मीटर की अनिवार्यता 31 मार्च 2028 तक टाल दी है। तकनीकी समस्याओं के चलते लगातार बढ़ते जा रहे स्मार्ट मीटर के विरोध के कारण इस अवधि बढ़ा दिया गया है।

आपको बता दें कि, मध्य और पश्चिम विद्युत वितरण क्षेत्र की कंपनियों ने आयोग से स्मार्ट मीटर लगाने की अनिवार्यता की अवधि बढ़ाने की अनुमति मांगी थी। उपभोक्ताओं को राहत देते हुए शहरी और ग्रामीण क्षेत्रों में सामान्य मीटर लगाने की स्वीकृति दे दी गई है। कंपनियों का तर्क था कि, स्मार्ट मीटर मात्र बिजली खपत मापने का एक यंत्र नहीं है, बल्कि एक वृहद विद्युत प्रणाली है, जिसके चलते इसे सामान्य मीटर के स्थान पर लगाया जा रहा है।

आपको बता दें कि, प्रदेशभर के कई शहरों में चल रहे विरोध के बीच बिजली कंपनियों में उपभोक्ताओं के मन में बनी शंकाओं और मीटर में आ रही समस्याओं का निराकरण करने के बजाए हर घर में स्मार्ट मीटर तेजी से लगाने का काम चल रहा था। कई जगहों पर खामियां सामने आईं, जिसके चलते विरोध शुरु हो गया। बताया जा रहा था कि, इसकी वजह से उनका बिजली खपत था उतना ही है, लेकिन बिल में बेतहाशा बढ़ोतरी हुई है। जिसके बाद कई जगह मीटर जलाकर प्रदर्शन चत किए गए।

लगाए गए स्मार्ट मीटरों पर अमंजस

हालांकि, अब बड़ा सवाल ये है कि, जिन घरों में सामान्य मीटर निकाल कर स्मार्ट मीटर लगाए जा चुके हैं, उन्हें बदला जाएगा या नहीं, फिलहाल इसे लेकर कंपनियों की ओर से कोई जानकारी सामने नहीं आई है।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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