दंतेवाड़ा। जिले की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक धरोहर को नई पहचान दिलाने के उद्देश्य से 13 सितंबर को दंतेवाड़ा बाइक ट्रेल कार्यक्रम प्रारंभ हो चुका है। इस बाईक ट्रेल में देशभर से आए लगभग 100 राइडर्स उत्साहपूर्वक भागीदारी कर रहे है। और उन्होंने बस्तर की धरती को करीब से जानने-समझने का अवसर मिला है।
इस क्रम विगत दिवस बाइक राइडर्स की टोली सबसे पहले बारसूर पहुँची, ऐतिहासिक स्थल बारसूर जो कि अपने प्राचीन मंदिरों और ऐतिहासिक महत्व के लिए प्रसिद्ध है। यहाँ पर राइडर्स ने मंदिरों के दर्शन कर न केवल धार्मिक आस्था से जुड़ाव महसूस किया बल्कि बारसूर की स्थापत्य कला और सांस्कृतिक धरोहर को भी नजदीक से देखा। इसके बाद सभी राइडर्स ने प्राकृतिक सौंदर्य से भरपूर सातधार जलप्रपात का भ्रमण किया और वहां की मनोहारी छटा का आनंद उठाया।
इस अवसर पर दंतेवाड़ा विधायक चैतराम अटामी और जिला पंचायत अध्यक्ष नंदलाल मुड़ामी भी उपस्थित रहे। दोनों जनप्रतिनिधियों ने सभी बाइक राइडर्स के साथ जिले में पर्यटन की संभावनाओं पर विस्तार, एवं दंतेवाड़ा को आने वाले समय में एक प्रमुख पर्यटन गंतव्य के रूप में विकसित किये जाने के संबंध में विचार विमर्श किया। उल्लेखनीय है कि इस बाईक टेªल का उद्देश्य सिर्फ पर्यटन स्थलों का भ्रमण ही नहीं, बल्कि राइडर्स को यहां की समृद्ध संस्कृति से भी परिचित कराना भी है। अतः इसके लिए यहां पारंपरिक सांस्कृतिक प्रस्तुति की भी विशेष व्यवस्था की गई थी।

इस प्रकार रात्रि समय आयोजित माडि़या नृत्य ने सभी का मन मोह लिया। राइडर्स ने उत्साहपूर्वक इस लोक नृत्य का आनंद लिया और बस्तर की आदिवासी संस्कृति को ह्रदय से महसूस किया। उम्मीद है कि दंतेवाड़ा बाइक ट्रेल का यह आयोजन जिले के पर्यटन और संस्कृति को नई ऊर्जा प्रदान करने वाला सिद्ध होगा। इस पहल से न केवल स्थानीय परंपराओं को राष्ट्रीय स्तर पर पहचान मिलेगी, बल्कि यह संदेश भी मुखरित होगा कि दंतेवाड़ा पर्यटन और सांस्कृतिक दृष्टि से असीम संभावनाओं से भरा हुआ क्षेत्र है।
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