रायपुर। कृषि विभाग द्वारा उर्वरकों की गुणवत्ता एवं उनके विक्रय पर पूरे प्रदेश में निगरानी रखी जा रही है। प्रदेश के सभी जिलों में विभाग की टीम द्वारा जांच कर अनियमितता पाए जाने पर कार्रवाई की जा रही है। इसी कड़ी में विकासखण्ड जैजैपुर अंतर्गत हसौद, झरप एवं देवरघटा में संचालित 3 कृषि विक्रय केंद्रों के निरीक्षण के दौरान अनियमितता पाए जाने पर संचालकों को कारण बताओ नोटिस जारी किया गया है। वहीं अनियमितता पाए जाने पर बालोद में दो केन्द्रों में विक्रय पर प्रतिबंद लगा दिया गया है।
मिली जानकारी के अनुसार उप संचालक कृषि के मार्गदर्शन में उर्वरक निरीक्षक सह वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी मनोहर कुमार रात्रे द्वारा मेसर्स उदय ट्रेडर्स, हसौद, लहरे कृषि केन्द्र, झरप एवं भानू किसान समृद्धि केन्द्र, देवरघटा का औचक निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान पीओएस स्टॉक एवं भौतिक स्टॉक में अंतर, स्कंध पंजी का संधारण और प्रदर्शन बोर्ड का चस्पा नहीं पाए जाने जैसी अनियमितताएँ पाई गईं। इस पर तीनों विक्रय केंद्र संचालकों को उर्वरक (नियंत्रण) आदेश-1985 के अंतर्गत कारण बताओ नोटिस जारी कर 7 दिवस के भीतर जवाब प्रस्तुत करने के लिए कहा गया है।
संतोषजनक जवाब नहीं मिलने पर प्राधिकार पत्र निलंबन की कार्यवाही की जाएगी। कलेक्टर अमृत विकास तोपनो ने कहा कि किसानों को खरीफ फसल हेतु उचित मूल्य पर उच्च गुणवत्ता युक्त खाद एवं कीटनाशक उपलब्ध कराना प्रशासन की सर्वाेच्च प्राथमिकता है। नकली खाद निर्माण, कालाबाजारी एवं अधिक मूल्य पर विक्रय करने वाले व्यापारियों के विरुद्ध कड़ी कार्यवाही की जाएगी। कृषि विभाग द्वारा जिले के सभी विकासखण्डों में उर्वरक निरीक्षक एवं कीटनाशी निरीक्षक द्वारा लगातार निरीक्षण किया जा रहा है, ताकि किसानों को समय पर गुणवत्तापूर्ण खाद एवं कीटनाशक उपलब्ध हो सके।

बालोद में 2 कृषि केन्द्रों में उर्वरक विक्रय प्रतिबंधित
उर्वरक वितरण में अनियमितता पाए जाने पर कृषि विभाग की टीम द्वारा बालोद विकासखण्ड के मेसर्स सार्थक कृषि केन्द्र, बालोद तथा गुरूर विकासखण्ड के मेसर्स हर्ष कृषि केन्द्र, पलारी में उर्वरक विक्रय पर प्रतिबंध लगाए जाने की कार्यवाही की गई है। इस संबंध में दोनों प्रतिष्ठानों को कारण बताओ नोटिस भी जारी किया गया है। कलेक्टर दिव्या उमेश मिश्रा के मार्गदर्शन एवं उप संचालक कृषि के निर्देशन में जिले में उर्वरक प्रतिष्ठानों का नियमित निरीक्षण किया जा रहा है। 28 अगस्त 2025 को अनुविभागीय कृषि अधिकारी महेश कुमार, सहायक संचालक कृषि जे.आर. नेताम, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी केशव राम पिस्दा, कृषि विकास अधिकारी टिकेन्द्र कुमार पटेल (गुरूर) एवं ग्रामीण कृषि विस्तार अधिकारी संनत कुमार भेड़िया द्वारा किए गए निरीक्षण के दौरान वहां अनियमितता का मामला पकड़ में आया जिसके फलस्वरूप उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 तथा उर्वरक (संचालन नियंत्रण) आदेश 1973 में निहित प्रावधानों के तहत यह कार्यवाही की गई। उप संचालक कृषि ने बताया कि जिले में गुणवत्ता नियंत्रण अंतर्गत उर्वरक विक्रय प्रतिष्ठानों का सतत निरीक्षण एवं मॉनिटरिंग की जा रही है। अनियमितता पाए जाने पर संबंधितों के विरुद्ध कठोर कार्यवाही सुनिश्चित की जा रही है।
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