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वहीं भारतीय नौसेना के लिए हथियारों का पैकेज भी एक चिंता का विषय बना हुआ है। अभी जर्मनी की HDW पनडुब्बियों में अमेरिका की हारपून मिसाइलें लगी हुई हैं। उम्मीद है कि P-75I के तहत बनने वाली नई पनडुब्बियों में भी हारपून मिसाइलें होंगी। हालांकि, भारतीय नौसेना ने अभी तक पनडुब्बी बनाने वाली कंपनी के साथ हथियारों का पैकेज तय नहीं किया है।
वहीं सूत्रों के मुताबिक, DRDO 500 किलोमीटर की दूरी तक मार करने वाली सबमरीन-लॉन्च्ड क्रूज मिसाइल (SLCM) बना रहा है। यह मिसाइल भारतीय पनडुब्बियों में लगाई जा सकती है। एक रक्षा मंत्रालय के सूत्र ने कहा, “किसी भी नौसेना के लिए हथियारों से लेकर प्रोपल्शन सिस्टम तक, हर चीज एक जैसी होनी चाहिए।” DRDO द्वारा विकसित AIP तकनीक भारत को पनडुब्बियों का निर्यात करने में मदद करेगी, क्योंकि इसके लिए किसी तीसरे देश की अनुमति नहीं लेनी होगी।