इंग्लैंड के मुख्य कोच ब्रेंडन मैकुलम का कहना है कि भारत और इंग्लैंड के बीच खेली गई पांच मैचों की टेस्ट सीरीज सबसे बेहतरीन है जिसका वह हिस्सा रहे हैं। भारत और इंग्लैंड के बीच एंडरसन-तेंदुलकर ट्रॉफी 2-2 से ड्रॉ रही। भारत ने पांचवां टेस्ट मैच रोमांचक अंदाज में अपने नाम किया जिससे सीरीज ड्रॉ पर समाप्त हुई। मेजबान टीम एक समय सीरीज अपने नाम करने के करीब थी, लेकिन तेज गेंदबाज मोहम्मद सिराज के करिश्माई स्पैल के दम पर भारत अंतिम टेस्ट जीतने में सफल रहा जिससे सीरीज बराबरी पर छूटी।
मैकुलम ने सीरीज के नतीजे पर जताया संतोष
भारत और इंग्लैंड के बीच यह टेस्ट सीरीज हाल के दिनों में सबसे रोमांचक और नाटकीय मुकाबलों में से एक साबित हुई। मैकुलम ने कहा, यह अब तक की सबसे बेहतरीन पांच मैचों की टेस्ट सीरीज थी जिसका मैं हिस्सा रहा हूं और जिसे मैंने देखा है। छह हफ्तों तक यह सीरीज काफी उतार-चढ़ाव भरी रही और मुझे लगा कि इसमें सब कुछ था। मुझे लगता है कि कभी-कभी बेहद कड़ी प्रतिद्वंद्विता थी, कभी सौहार्दपूर्ण माहौल था, कभी शानदार क्रिकेट था और दोनों टीमों पर दबाव के कारण कुछ औसत क्रिकेट भी था। हमें पता था कि सीरीज कड़ी होगी, हमें पता था कि वे हमारी शारीरिक और मानसिक परीक्षा लेंगे। मुझे लगता है कि इस सीरीज ने दोनों टीमों की उम्मीद से कहीं अधिक परीक्षा ली। यह एक जबरदस्त सीरीज थी और मुझे लगता है कि 2-2 की बराबरी इसका सही नतीजा थी।
सिराज का दमदार प्रदर्शन
भारत अगर सीरीज ड्रॉ कराने में सफल रहा तो इसका काफी श्रेय सिराज को जाता है जिन्होंने पांचवें टेस्ट मैच के आखिरी दिन इंग्लैंड के जबड़े से जीत छीन ली। दरअसल, इंग्लैंड को जीत के लिए 35 रन चाहिए, जबकि भारत को चार विकेट की जरूरत थी। सिराज और प्रसिद्ध कृष्णा ने पांचवें दिन इंग्लैंड को 35 रन नहीं बनाने दिए और उसकी दूसरी पारी समेट दी। सिराज ने दबाव में अपने सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शनों में से एक किया। उन्होंने पांचवें और अंतिम टेस्ट मैच में नौ विकेट लिए जिसे भारत ने छह रन से जीता। इस तेज गेंदबाज ने सीरीज का समापन 23 विकेटों के साथ किया जो दोनों टीम के गेंदबाजों के बीच सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है। मैकुलम ने सिराज के जज्बे को सराहा
मैकुलम ने कहा, जब सिराज ने अंतिम विकेट लिया तो हम भले ही बेहद निराश थे लेकिन मैं उनके और एक क्रिकेटर के रूप में उनके जज्बे और उन्होंने जो किया उसके लिए सिराज की प्रशंसा करता हूं। पूरी सीरीज में आप हमेशा कुछ मौके गंवाते रहेंगे। भारत शायद उन मौकों पर गौर करेगा जो उसे मिले थे शायद हेडिंग्ले में पहले टेस्ट में। लॉर्ड्स में भी, खेल की स्वाभाविक लय हमेशा कुछ परिस्थितियों में काम आती है।