भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष का ऐलान अब इसी महीने हो सकता है। महाराष्ट्र, हिमाचल प्रदेश, तेलंगाना, उत्तराखंड समेत कुल 6 राज्यों के प्रदेश अध्यक्ष मंगलवार को तय हो गए। इसके अलावा दो राज्यों के अध्यक्षों का ऐलान सोमवार को किया गया था। इस तरह अब पार्टी ने 50 पर्सेंट अध्यक्ष वाला कोरम तय कर लिया है, जो राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव के लिए जरूरी होता है। भाजपा ने कुल 37 सांगठनिक यूनिट्स में पूरे देश को बांट रखा है। अब इनमें से 20 के अध्यक्ष तय हो चुके हैं। उत्तर प्रदेश और बंगाल जैसे बड़े राज्यों के अध्यक्ष अब भी चुने जाने बाकी हैं, जिन पर जल्दी ही ऐलान हो सकता है और फिर किसी भी समय राष्ट्रीय अध्यक्ष पर फैसला होगा।अब बात करें अध्यक्ष पद की रेस की तो इसमें मनोहर लाल खट्टर, भूपेंद्र यादव और शिवराज सिंह चौहान रेस में बताए जा रहे हैं। तीनों ही मोदी सरकार में कैबिनेट मंत्री हैं और संगठन की कमान जिस नेता को भी मिलेगी, उसे मंत्री पद से हटना होगा। इससे साफ है कि भाजपा को यदि इनमें से कोई एक अध्यक्ष मिला तो फिर मंत्रिमंडल में भी फेरबदल होगा। दरअसल तीनों ही नेता आरएसएस बैकग्राउंड के हैं और विवादों से दूर रहकर काम करने वाले हैं। तीनों को ही संगठन में काम करने का लंबा अनुभव है। मनोहर लाल खट्टर को तो पीएम नरेंद्र मोदी के बेहद करीबी लोगों में शुमार किया जाता है। ऐसे में उनका नाम भी तेजी से चर्चा में है।मनोहर लाल खट्टर किसी भी जातीय समीकरण से परे हैं और उनकी छवि एक सख्त एवं ईमानदार लीडर की मानी जाती है। इसके अलावा आरएसएस भी उनके नाम पर सहमत होगा। हालांकि भूपेंद्र यादव भी रेस में मजबूत माने जा रहे हैं। अमित शाह के वह करीबी माने जाते हैं और यूपी समेत कई राज्यों में चुनाव की रणनीति वह संभाल चुके हैं। वह भाजपा और आरएसएस के संगठन में काम करने का लंबा अनुभव रखते हैं। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से वह आए हैं और सालों तक संघ के आनुषांगिक संगठन अखिल भारतीय अधिवक्ता परिषद के लिए भी काम किया है।भूपेंद्र यादव को अध्यक्ष बनाकर सामाजिक समीकरणों को लेकर भी संदेश देने की कोशिश हो सकती है। हालांकि अब तक कोई भी नेता खुलकर कुछ नहीं बोल रहा है। माना जा रहा है कि पीएम नरेंद्र मोदी के विदेश दौरे से लौटने के बाद अध्यक्ष को लेकर कुछ फैसला हो सकता है। भूपेंद्र यादव ने 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव के प्रचार में भी जिम्मेदारी संभाली थी। इसके अलावा 2023 में मध्य प्रदेश और पिछले साल ही महाराष्ट्र का चुनाव कैंपेन वह देख चुके हैं। हालांकि भाजपा के रिकॉर्ड को देखते हुए किसी चौंकाने वाले नाम का ऐलान भी हो सकता है।

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