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सरकारी कॉलेजों में अतिथि विद्वान आमंत्रण प्रक्रिया के आदेश, कर्मचारी संगठन असंतुष्ट –

मध्य प्रदेश के सरकारी महाविद्यालयों में रिक्त पदों के विरुद्ध जो अतिथि विद्वान सेवा कर रहे थे उन्ही अतिथि विद्वानों को सत्र 2025-26 में अनवरत रूप से सेवा करने का पत्र सरकार ने जारी किया है। जिसके अनुसार आयुक्त कार्यालय सतपुड़ा भवन से जारी पत्र क्रमांक 1/1/201/2023/38-1 भोपाल दिनांक 05/10/2023 के अतिथि विद्वान नियमावली के अनुसार समस्त प्रचार्यो को निर्देशित किया गया है। इसमें कंडीका 3.2 का उल्लेख करते हुए 30.6.2025 को नियमित रिक्त पदों के विरुद्ध कार्य करने वाले अतिथि विद्वानों को पोर्टल में अपडेट करना है जिसकी अंतिम तिथि 10 जुलाई 2025 है।

हमको फिक्स सैलरी की उम्मीद थी: महासंघ का बयान

 

प्रचार्यों को ifmis पोर्टल में रिक्त पदों को तत्काल SHOW करने के लिए भी निर्देशित किया गया है। इधर महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष महिला मोर्चा डॉ नीमा सिंह, उपाध्यक्ष डॉ लगश्री दास ने कहा की हमको फिक्स मासिक वेतन,स्थाई/समायोजन की उम्मीद थी लेकिन शासन प्रशासन वही व्यवस्था अतिथि फिर जुलाई से शुरू कर दिया है जिससे एक निराशा का भाव आ रहा है। पदाधिकारियों ने कहा कि, अतिथि विद्वानों के हित में हरियाणा सरकार जैसे ऐतिहासिक निर्णय लेने के लिए मुख्यमंत्री मंत्री ज़ी को आवश्यकता है।

हजारों अतिथि विद्वान फालेन आउट होकर है अभी हैं बाहर

उच्च शिक्षा विभाग में हुए हजारों प्राध्यापकों के ट्रांसफर से हजारों अतिथि विद्वान बेरोजगार होकर बाहर बैठे है। महासंघ के उपाध्यक्ष डॉ अविनाश मिश्रा ने बताया की मुख्यमंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री की स्पष्ट घोषणा थी की कोई अतिथि विद्वान फालेन आउट नहीं होगा लेकिन हजारों विद्वानों को कर दिया गया बाहर,नेट,सेट,पीएचडी 20-25 वर्षों से सेवा करने वालों को बेरोजगार करना कहा का न्याय है??सरकार को थोड़ी सी तो संवेदनशील होना चाहिए विद्वान हित में।डॉ मिश्रा ने बताया की अभी कई पदों को दबाया गया है पोर्टल में सो ही नहीं हो रहें है इसको खोला जाए।

अतिथि विद्वान व्यवस्था को ख़त्म करना चाहिए

डॉ आशीष पाण्डेय, मीडिया प्रभारी महासंघ ने कहा कि, अतिथि व्यवस्था शोषण का प्रतीक है विद्वान विद्वता का प्रतीक है। अतिथि विद्वान व्यवस्था को ख़त्म करना चाहिए एक बेहतरीन कैडर बनाना चाहिए जिसमें योग्यता अनुभव को तरजीह मिले। जो 25 वर्षों से सेवा कर रहा है उसको भी वही जो आज नियुक्त हो रहा है उसको भी वही ये अजब गज़ब है। अतिथि नाम हटाएं, फिक्स मासिक वेतन, स्थाई समायोजन करें अगर हो सके तो हरियाणा सरकार के ऐतिहासिक निर्णय की तरह मध्य प्रदेश सरकार भी विद्वान हित में आदेश जारी करे।हरियाणा सरकार की पूरे देश में प्रशंसा हो रही है।Screenshot 20250628 081503

Manoj Mishra

Editor in Chief

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