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काजू-बादाम छोड़ो, करो इस हरे फल का सेवन, कंप्यूटर की तरह फास्ट हो जाएगा दिमाग!

बागेश्वर: उत्तराखंड के पहाड़ी क्षेत्रों में कई प्रकार के फल और सब्जियां उगाई जाती हैं, जो पोषक तत्वों से भरपूर और औषधीय गुणों से युक्त होती हैं. इन्हीं में से एक फल है पेठा, जो न केवल शरीर के लिए बल्कि मस्तिष्क के लिए भी अत्यंत लाभकारी माना जाता है. आयुर्वेदिक डॉक्टर ऐजल पटेल ने   से बातचीत में बताया कि पेठा याददाश्त बढ़ाने और अच्छी नींद के लिए फायदेमंद होता है. साथ ही, इसमें मौजूद औषधीय गुण लीवर और हृदय को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं.डॉ. ऐजल पटेल ने बताया कि पेठा आयुर्वेदिक लिहाज से अत्यंत महत्वपूर्ण फल है. इसका नियमित सेवन लीवर और हृदय के स्वास्थ्य के लिए लाभकारी होता है. इसके औषधीय गुण शरीर में ऊर्जा का संचार करते हैं और थकान को कम करते हैं. पेठे में कैल्शियम, जिंक, फास्फोरस, थियामिन, और रिबोफ्लेविन जैसे आवश्यक पोषक तत्व होते हैं, जो शरीर की सामान्य सेहत को बनाए रखने में मदद करते हैं. इसका रस खून की कमी को दूर करने में सहायक होता है और नियमित सेवन से मस्तिष्क की कार्यक्षमता में सुधार होता है पेठा का इस्तेमाल
बागेश्वर और अन्य पहाड़ी क्षेत्रों में पेठे का उपयोग विभिन्न तरीकों से किया जाता है. यहां के लोग पेठे से जूस बनाते हैं, जो ताजगी और स्वास्थ्य दोनों के लिए लाभकारी होता है. इसके अलावा, पेठे की बड़ी (सुखाई गई पेठे की टिक्कियां) पहाड़ के लोगों की पहली पसंद हैं. सर्दियों के आगमन के साथ ही इन बड़ियों का निर्माण शुरू हो जाता है, और इन्हें पूरे साल भर इस्तेमाल किया जाता है. पेठे का मुरब्बा भी यहां के लोगों में बहुत लोकप्रिय है, जो स्वादिष्ट होने के साथ-साथ स्वास्थ्य के लिए भी फायदेमंद माना जाता है.दिमाग तेज और शरीर रहेगा फुर्तीला
पेठे के सेवन से मस्तिष्क की क्षमता में वृद्धि होती है, जिससे याददाश्त तेज होती है. साथ ही, यह नींद संबंधी समस्याओं को दूर करने में भी सहायक है. आयुर्वेदिक चिकित्सकों के अनुसार, पेठे का सेवन शरीर को संतुलित करने और मानसिक शांति बनाए रखने में मदद करता है

 

Disclaimer: इस खबर में दी गई दवा/औषधि और स्वास्थ्य से जुड़ी सलाह, एक्सपर्ट्स से की गई बातचीत के आधार पर है. यह सामान्य जानकारी है, व्यक्तिगत सलाह नहीं. इसलिए डॉक्टर्स से परामर्श के बाद ही कोई चीज उपयोग करें.  जगन्नाथ डॉट कॉम किसी भी उपयोग से होने वाले नुकसान के लिए जिम्मेदार नहीं होगा.

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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