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वेदांता एल्युमीनियम की मजबूत नीतियों से बढ़ रही है LGBTQIA+ कर्मचारियों की संख्या; कंपनी के गौरव माह समारोह में दी गई यह जानकारी

रायपुर/ भारत की सबसे बड़ी एल्युमीनियम उत्पादक कंपनी, वेदांता एल्युमीनियम ने अपने विभिन्न कार्य क्षेत्रों में ट्रांसजेंडर्स को नियुक्त कर और उन्हें सशक्त बना कर भारतीय उत्पादन क्षेत्र में सभी के समावेश की नई परिभाषा कर दी है। कम्पनी के गौरव माह समारोह में यह घोषणा की गई कि साल 2026 में 15 ट्रांसजेंडर्स को नियुक्त किया जाएगा। इसके साथ वेदांता के झारसुगुड़ा, ओडिशा और कोरबा, छत्तीसगढ़ कारोबार में कार्यरत ट्रांसजेंडर्स की कुल संख्या 44 हो जाएगी।

वेदांता एल्युमीनियम ने ट्रांसजेंडर्स के समावेश और कल्याण पर जोर देते हुए कई प्रगतिशील नीतियाँ बनाई हैं। इनके तहत पूरे समुदाय को संवेदनशील बनाने की कार्यशालाएँ आयोजित कर विशेष कर ट्रांसजेंडर्स के लिए जरूरी सभी बातों की जानकारियाँ दी जाएँगी, जैसे कि जेंडर रीअफर्मेशन सर्जरी के लिए वित्तीय सहायता और अवकाश, उच्च शिक्षा भत्ता जैसे वैधानिक लाभ और लेजर हेयर रिमूवल मशीनों की सुलभता भी। अब तक इस क्षेत्र में लैंगिक विविधता पर बहुत कम ध्यान दिया गया है, ऐसे में वेदांता का यह ऐतिहासिक कदम कार्यबल में सभी का समावेश और सभी के साथ न्याय करेगा। यह जेंडर डाइवर्सिटी यानि लैंगिक विविधता के सम्मान और खुशी की बात है।

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कंपनी के झारसुगुड़ा मेगा एल्युमीनियम स्मेल्टर और कोरबा स्थित भारत एल्युमीनियम कंपनी लिमिटेड (बाल्को) में भी जेंडर-न्यूट्रल बुनियादी सुविधाएँ और अन्य लाभ दिए जा रहे हैं। उन्हें 30 दिनों के वेतन सहित छुट्टी और जेंडर रीअफर्मेशन सर्जरी के लिए 2 लाख रुपए की प्रतिपूर्ति राशि भी दी जा रही है। बाल्को के 6 कर्मचारी इस सहायता का लाभ उठा चुके हैं और दो अन्य कंपनी की नीतियों के तहत उच्च शिक्षा भत्ते के लिए आवेदन कर चुके हैं। इससे उनका करियर बेहतर होगा और वे संगठन में बड़ी जिम्मेदारी निभा पाएँगे।

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कंपनी की प्रतिबद्धता ऐसे लोगों की नियुक्ति से कहीं बढ़ कर उनकी तरक्की और खुशहाली के लिए काम करना है। इसलिए इन प्रयासों के साथ-साथ जागरूकता कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं और उन्हें काम करने का सम्मानजनक और सुविधापूर्ण माहौल दिया जाता है। वेदांता अपने मुख्य कार्यों में विभिन्न समूहों के लोगों को काम करने का अवसर देकर भारतीय विनिर्माण क्षेत्र में सब के विकास का नया मानक स्थापित कर रहा है।

वेदांता एल्युमीनियम के सीईओ राजीव कुमार ने इस अनोखी पहल की अहमियत बताते हुए कहा, “विनिर्माण क्षेत्र में लैंगिक असंतुलन का इतिहास रहा है, जबकि सही अर्थों में प्रगति के लिए अलग-अलग सभी लैंगिक पहचान वाले लोगों को रोजगार देकर विविधता की हमारी समझ बढ़ानी होगी। वेदांता एल्युमीनियम में हमारा मानना है कि सब का समावेश करना न सिर्फ न्यायोचित है, बल्कि यह एक रणनीतिक अनिवार्यता भी है। कर्मचारियों में विविधता होने से नए दृष्टिकोण मिलते हैं, नवाचार बढ़ता है और सुदृढ़ता भी बढ़ती है। आज के प्रगतिशील औद्योगिक परिदृश्य में ये सभी बहुत महत्वपूर्ण हैं। हम ट्रांसजेंडर्स के लिए सहायक नीतियाँ बना कर और उन्हें बराबर अवसर के माध्यम से सशक्त बना कर काम की जगह न सिर्फ आत्मसम्मान और गरिमा दे रहे हैं, बल्कि भारत के विनिर्माण क्षेत्र में सही अर्थों में सब के विकास का बेंचमार्क भी कायम कर रहे हैं।

कंपनी सब के समावेश की नीतियों पर चलती है। इसका प्रमाण कर्मचारियों की कहानियों में मिलता है। सेक्युरिटी सुपरवाइजर अलका ने इस भावना को बखूबी व्यक्त किया है। अलका जेंडर रीअफर्मेशन सर्जरी की नीति से मिले लाभों को याद करते हुए कहती हैं, “पहले हमें जेंडर रीअफर्मेशन सर्जरी की योजना बनाने और यह कार्य पूरा करने में वर्षों लग जाते थे। लेकिन बाल्को की नीतियों से LGBTQIA+ कर्मचारियों को बहुत बल मिला है। उन्हें जेंडर रीअफर्मेशन सर्जरी के लिए 30 दिनों की वेतन सहित छुट्टी मिलती और इसके लिए 2 लाख रुपए की सहायता भी मिलती है।

वेदांता एल्युमीनियम गौरव माह समारोह मना रहा है। इसके तहत संबद्ध समुदायों को संवेदनशील बनाने की कार्यशालाओं का आयोजन भी कर रहा है, ताकि ट्रांसजेंडर्स के प्रति लोगों का व्यवहार बदले और समाज में लिंग-संवेदनशीलता आए और सब का समावेश हो।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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