भिलाई। छतीसगढ़ शासन द्वारा आपातकाल स्मृति दिवस मनाया गया। इस स्मृति दिवस पर शासन द्वारा मीसा बंदी में 19 माह तक जेल में बंद रहे देश के लिए समर्पित लोकतंत्र सेनानियों एवं उनके परिजनों का सम्मान किया गया।भिलाई के सम्मानित मीसा बंदी लोकतंत्र सेनानियों में स्व.योगेंद्र नाथ भसीन का सम्मान माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के द्वारा उनके भतीजे चेम्बर के महामंत्री अजय भसीन को दिया गया।
अजय भसीन ने बड़े पिताजी स्व.योगेंद्र नाथ भसीन का सम्मान ग्रहण करते हुए बताया कि आपातकाल के समय जेल में मीसा बंदियों की बाढ़ सी आ गई थी। लेकिन लोकतंत्र की रक्षा के लिए बड़े पिताजी भी सरकार द्वारा प्रताड़ित किये गए। उनकी संपत्ति भी छीन ली गई। बड़े पिताजी पूरे 21 महीने जेल में रहे। इंदिरा गांधी की निरंकुश सरकार आपातकाल के नाम पर अपने राजनीतिक विरोधियों को कुचलने का काम किया। ये सारी प्रताड़नाएं बड़े पिताजी ने सही है और आज छतीसगढ़ शासन और मुख्यमंत्री साय का आभार करता हु जो लोकतंत्र के रक्षको का सम्मान किया।

भिलाई से मीसा बंदी ठाकुर गौतम सिंह जी को भी सम्मानित किया गया। अनेक मीसाबंदीयो व उनके परिजनों का सम्मान किया गया। लोकतंत्र की रक्षा में मीसा बंदीयो की भूमिका महत्वपूर्ण है। आज की पीढ़ी को जानना जरूरी है कि मीसा बंदी किन्हें कहा जाता है? वर्ष 1975-77 के दौरान राजनैतिक या सामाजिक कारणों से राष्ट्रीय आंतरिक सुरक्षा अधिनियम 1971(1971 का 26)(निरस्त) के तहत जिन्हें बंदी बनाया गया उन्हें मीसा बंदी के रूप में जाना जाता है।

मुख्यमंत्री साय ने अपने उदबोधन में कहा कि आपातकाल की इस काली घटना में आप सभी मीसा बंदियों को नमन करता हूं। इस मौके पर विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह, संगठन के महामंत्री पवन साय, तोखन साहू व अखिल भारतीय लोकतंत्र सेनानी संघ के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सचिदानंद उपासने व अनेक गणमान्य उपस्थित थे। कार्यक्रम में अनिल अग्रवाल, शंकर सचदेव, सुनील मिश्रा, निरंकार सिंह, मनोहर कृष्णानी व चेम्बर के सदस्य उपस्थित थे। यह जानकारी शंकर सचदेव ने दी।
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