देश दुनिया

भूमि चौहान के लिए अहमदाबाद का ट्रैफ़िक बना ‘वरदान’, 10 मिनट की देरी से छूटी थी एयर इंडिया की फ्लाइट

उनसे जो फ्लाइट छूटी वो लंदन जा रहा एयर इंडिया का वही विमान था, जो अहमदाबाद से उड़ान भरते ही क्रैश हो गया. इस हादसे में विमान के 241 लोगों की मौत हो गई, जबकि केवल एक व्यक्ति जीवित बचा.

भूमि चौहान गुजरात में अपने शहर अंकलेश्वर से सड़क के रास्ते इस फ्लाइट के लिए आ रही थीं.

उन्होंने बीबीसी से कहा, “हम अहमदाबाद सही समय पर पहुंचे थे लेकिन शहर में ट्रैफ़िक की वजह से मैं एयरपोर्ट 10 मिनट देरी से पहुंची. मुझे एयरपोर्ट के अंदर घुसने नहीं दिया गया.”

भूमि चौहान ने कहा, “पहले तो मैं बहुत दुखी हुई कि मेरी टिकट के पैसे बर्बाद हुए और शायद मेरी नौकरी भी चली जाएगी. लेकिन अब मैं शुक्रगुज़ार हूं…मेरे पैसे भले ही चले गए लेकिन मेरी जान बच गई.”

भूमि पहले पढ़ाई के लिए ब्रिटेन गई थीं लेकिन दो साल पहले ही उन्होंने केवल चौहान से शादी की, जो ब्रिस्टल शहर में एक बैंक के कर्मचारी हैं.

भूमि चौहान ने बताया, “मैं ब्रिटेन पढ़ाई करने गई थीं और वहां पार्ट-टाइम नौकरी भी करती थी. शादी के दो साल बाद मैं अपने घर अंकलेश्वर आई थी. मैं यहां डेढ़ महीने से थी. मेरी छुट्टियां खत्म होने के बाद मैं वापस ब्रिटेन जा रही थी.”

भूमि ने कहा कि वो ट्रैफ़िक में फंस गई थीं. उन्होंने ऑनलाइन ही फ्लाइट के लिए चेक-इन किया लेकिन उन्हें फ्लाइट बोर्ड नहीं करने दी गई.

उन्होंने कहा, “एयर इंडिया के स्टाफ़ ने मुझसे कहा कि मैं लेट हूं. इमिग्रेशन हो गया था और बोर्डिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई थी, इसलिए मैं फ्लाइट में नहीं चढ़ सकती. मैंने बड़ी मिन्नतें कीं, उन्हें बताया कि मेरी नौकरी जा सकती है और मेरी टिकट के पैसे भी, लेकिन किसी ने नहीं सुना. मैंने रिफंड के लिए भी कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.”

इसके बाद भूमि एयरपोर्ट से चली गईं और वापसी के दौरान वह चाय पी रही थीं कि तभी उन्हें उस विमान के क्रैश होने के बारे में पता चला.

भूमि ने कहा, “हम चाय के लिए रुके थे और हम अपने ट्रैवल एजेंट से ये चर्चा कर रहे थे कि अब रिफ़ंड कैसे लिया जाए. तभी हमें अंकलेश्वर से फ़ोन आया कि जिस प्लेन में मैं जाने वाली थी वो क्रैश हो गया है.” उनकी आवाज़ से सदमे का अंदाज़ा लग रहा था.

उन्होंने कहा, “हम फ़ौरन मंदिर गए और ईश्वर का शुक्रिया कहा. अहमदाबाद के ट्रैफ़िक ने मेरी जान बचा ली.”

भूमि चौहान ने बताया, “मैं ब्रिटेन पढ़ाई करने गई थीं और वहां पार्ट-टाइम नौकरी भी करती थी. शादी के दो साल बाद मैं अपने घर अंकलेश्वर आई थी. मैं यहां डेढ़ महीने से थी. मेरी छुट्टियां खत्म होने के बाद मैं वापस ब्रिटेन जा रही थी.”

भूमि ने कहा कि वो ट्रैफ़िक में फंस गई थीं. उन्होंने ऑनलाइन ही फ्लाइट के लिए चेक-इन किया लेकिन उन्हें फ्लाइट बोर्ड नहीं करने दी गई.

उन्होंने कहा, “एयर इंडिया के स्टाफ़ ने मुझसे कहा कि मैं लेट हूं. इमिग्रेशन हो गया था और बोर्डिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई थी, इसलिए मैं फ्लाइट में नहीं चढ़ सकती. मैंने बड़ी मिन्नतें कीं, उन्हें बताया कि मेरी नौकरी जा सकती है और मेरी टिकट के पैसे भी, लेकिन किसी ने नहीं सुना. मैंने रिफंड के लिए भी कहा, लेकिन उन्होंने इनकार कर दिया.”

इसके बाद भूमि एयरपोर्ट से चली गईं और वापसी के दौरान वह चाय पी रही थीं कि तभी उन्हें उस विमान के क्रैश होने के बारे में पता चला.

भूमि ने कहा, “हम चाय के लिए रुके थे और हम अपने ट्रैवल एजेंट से ये चर्चा कर रहे थे कि अब रिफ़ंड कैसे लिया जाए. तभी हमें अंकलेश्वर से फ़ोन आया कि जिस प्लेन में मैं जाने वाली थी वो क्रैश हो गया है.” उनकी आवाज़ से सदमे का अंदाज़ा लग रहा था.

उन्होंने कहा, “हम फ़ौरन मंदिर गए और ईश्वर का शुक्रिया कहा. अहमदाबाद के ट्रैफ़िक ने मेरी जान बचा ली.”

Manoj Mishra

Editor in Chief

Related Articles

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Back to top button