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आईजी की खुली चुनौती: बचना है तो कर दो सरेंडर, नहीं तो भुगतने होंगे गंभीर परिणाम

जगदलपुर। एक समय बस्तर में नक्सलियों का आतंक देखने को मिलता था, लेकिन धीरे-धीरे पुलिस के साथ ही फोर्स के जवानों की बहादुरी, बलिदान व कड़ी कार्रवाई के चलते नक्सलियों की बटालियन खत्म होने की कगार पर है। वहीं कुछ वर्ष पहले जहां 45 टॉप लीडर हुआ करते थे, वहीं अब इनकी संख्या 14 हो गई है। यह बातें बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने कही हैं। उन्होंने खुले तौर पर नक्सलियों को हिदायत दी है कि उनके पास केवल सरेंडर ही एक मात्र रास्ता बचा है, नहीं तो अंजाम भुगतने के लिए तैयार होने की बात कही है।

बस्तर रेंज आईजी सुंदरराज पी ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस के हाथ जो नक्सलियों की जानकारी लगी है, उसमें नक्सलियों के टॉप लीडर से लेकर निचले स्तर तक के सभी नक्सलियों के पूरे बायोडाटा मिले हैं, जिसमें नक्सलियों के पुराने के साथ ही वर्तमान समय की भी फोटो उपलब्ध हैं। बड़े नक्सली लीडर को जहां मार गिराया गया है, वहीं आधे से ज्यादा नक्सलियों का सफाया हो चुका है। सात से आठ वर्ष पहले जो सेंट्रल कमेटी व ब्यूरो सक्रिय हुआ करते थे, उसमें से कई नक्सलियों को फोर्स ने मार गिराया या फिर पकड़ लिया गया है।

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नक्सलियों के खत्म होते साम्राज्य से बौखलाए नक्सली निर्दोष लोगों की हत्या के साथ ही आईईडी के द्वारा उनकी जान ले रहे हैं, जिसके चलते फोर्स ने अंदर तक जाकर नक्सलियों के टॉप लीडर को मार गिराया है, जिनके शव भी पुलिस बरामद कर चुकी है। उन्होंने कहा कि देखा जाए तो अभी वर्तमान समय में 4 पोलित ब्यूरो मेम्बर्स के साथ ही 10 सेंट्रल कमेटी मेम्बर शेष बचे हुए हैं। बस्तर आईजी सुंदरराज पी ने नक्सलियों को खुले तौर पर चुनौती दी है कि अगर वे अपनी जान बचाना चाहते हैं तो सरेंडर कर दें, नहीं तो गंभीर परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।

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Manoj Mishra

Editor in Chief

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