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सिर्फ रजिस्ट्री से मालिकाना हक नहीं मिलता – जानिए किस दस्तावेज़ से साबित होता है असली मालिकाना अधिकार

जब संपत्ति के असली मालिकाना अधिकार की बात आती है, तो सिर्फ रजिस्ट्री ही काफी नहीं होती। भारत में, मालिकाना अधिकार को प्रमाणित करने के लिए कुछ विशेष दस्तावेज़ों की जरूरत होती है जो यह प्रमाणित करते हैं कि संपत्ति का कानूनी हकदार कौन है।प्रत्येक संपत्ति के लिए सही दस्तावेज़ होना आवश्यक है ताकि भविष्य में कोई कानूनी समस्या न आए। जब आप संपत्ति खरीदते हैं तो यह सुनिश्चित करना जरूरी होता है कि आपके पास सभी आवश्यक और कानूनी दस्तावेज़ मौजूद हैं।

मूल रजिस्ट्री दस्तावेज़
  • सेल डीड: यह संपत्ति के हस्तांतरण का दस्तावेज़ होता है।
  • म्युटेशन सर्टिफिकेट: संपत्ति के रिकॉर्ड में नाम बदलने के लिए आवश्यक।
  • प्रॉपर्टी टैक्स रसीद
  • संविदा दस्तावेज़

मालिकाना अधिकार की पुष्टि:जानना जरूरी है कि आपके पास सही दस्तावेज़ हैं जो आपकी संपत्ति के कानूनी हकदार होने की पुष्टि करते हैं।

कैसे जांचें मालिकाना अधिकार
  • भूमि रिकॉर्ड की जांच करें
  • प्रॉपर्टी टैक्स रसीद प्राप्त करें
  • संपत्ति के पिछले मालिकों की जानकारी लें
  • वकील की सहायता लें

Manoj Mishra

Editor in Chief

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