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MP के 2 जिलों के बीच खेतों से गुजरेगा फोरलेन हाईवे, नॉन स्टॉप आ-जा सकेंगे वाहन

ग्रीन फील्ड तकनीक का उपयोग करते हुए मध्य प्रदेश में एक और नया फोरलेन हाईवे प्रस्तावित है. इससे दो जिलों के बीच तेज, आसान और पर्यावरण के अनुकूल आवागमन सुनिश्चित होगा। उज्जैन-इंदौर के बीच एक नया फोरलेन, पैव्हड शोल्डर के साथ, ग्रीन फील्ड तकनीक पर ही बनाया जाएगा। यह रास्ता खेतों से गुजरेगा। जिस पर नॉन स्टॉप वाहनों आवागमन हो सकेगा। ग्रीन फील्ड का अर्थ है कि यह सड़क खेतों या खाली क्षेत्रों से होकर नए ट्रैक पर बनाई जाएगी। इससे निर्माण कार्य जल्दी पूरा होता है और ट्रैफिक पर कोई असर नहीं होता। उज्जैन-इंदौर के बीच एक नया फोरलेन, पैव्हड शोल्डर के साथ बनाया जाएगा, ग्रीन फील्ड तकनीक पर ही बनाया जाएगा। यह रास्ता यानी खेतों से होकर बनाया जाएगा। जिस पर नॉन स्टॉप वाहनों को आ-जाना होगा।

ग्रामीण क्षेत्रों में बढ़ेगा व्यापार

 

मध्य प्रदेश में सिंहस्थ बायपास फोरलेन परियोजना अब प्रशासकीय मंजूरी और सर्वे के बाद निर्माण की दिशा में तेजी से बढ़ रही है, जो कि उज्जैन और आसपास के क्षेत्र के लिए बड़ी सौगात है। फोरलेन इंदौर एयरपोर्ट के निकट से शुरू होकर सुपर कॉरिडोर से चिंतामण गणेश मार्ग, चंद्रावतीगंज, अजनोद, खजूरिया, हातोद सहित कई गांवों से होकर सिंहस्थ बायपास तक बनने वाला हैं। इससे श्रद्धालु इंदौर एयरपोर्ट से 30 मिनट में महाकाल मंदिर पहुंच सकेंगे। साथ ही पीथमपुर के औद्योगिक क्षेत्र को भी शामिल किया जा सकेगा, जिससे उज्जैन से इंदौर तक व्यवसायिक विकास के साथ-साथ आवासीय भी विकसित हो सकेगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापार करने वालों को नौकरी मिल सकेगी।

वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग किया जाएगा

सिंहस्थ बायपास फोरलेन भी विकसित हो सकेगा। फोरलेन निर्माण की प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के साथ सर्वे कार्य पूरा हो गया है। 48 किमी की इस सड़क को मध्य प्रदेश सड़क विकास निगम (MPRDC) इंदौर द्वारा करीब 1370 करोड़ रुपये से बनाया जाएगा। इसके निर्माण से इंदौर, उज्जैन और पीथमपुर जाने वाले यात्रियों और श्रद्धालुओं को और अधिक रास्ता मिल सकेगा। नया इंदौर-उज्जैन फोरलेन निर्माणाधीन सिक्स लेन पर ट्रैफिक लोड बढ़ने या जाम लगने पर वैकल्पिक मार्ग के रूप में प्रयोग किया जाएगा।

ज़मीन अधिग्रहण 

उज्जैन-इंदौर ग्रीन फील्ड फोरलेन हाईवे के लिए ज़मीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है, जो कि इस परियोजना के प्रारंभिक चरण में एक बड़ा और आवश्यक कदम है। अब जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू हुई जो प्रशासकीय स्वीकृति मिलने के बाद सर्वे कार्य किया जाता है, जिससे भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होती है। इसके तहत चांदमुख गांव में लगभग 5.123 हेक्टेयर जमीन दी जाएगी। यह प्रशासनिक स्तर पर हो रहा है। सिंहस्थ-2028 को इंदौर-उज्जैन फोरलेन के सिक्स लेन में देखते हुए, सिंहस्थ बायपास को फोरलेन में बदल दिया जा रहा है। इससे सड़कों की कनेक्टिविटी बढ़ने से आवागमन आसान हो सकेगा।

 

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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