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मोहम्मद यूनुस चीन के लिए खोल रहे दरवाजा, बांग्लादेश आर्मी चीफ ने उठा लिया बड़ा कदम, पहुंचे भारत के दोस्त के घर

मॉस्को: बांग्लादेश के सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान चार दिनों के रूस दौरे पर हैं।  जनरल जामन का रूस दौरा पिछले सप्ताह बैंकॉक में बिम्सटेक शिखर सम्मेलन के दौरान मोहम्मद यूनुस और भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मुलाकात के कुछ दिनों के भीतर हुआ है। इसके ठीक पहले बांग्लादेश के मुख्य सलाहकार मोहम्मद यूनुस ने चीन की यात्रा की थी, जहां चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग और दूसरे नेताओं से मुलाकात की थी। अब जनरल जमान का रूस दौरे को ढाका की वैश्विक पहुंच में विविधता लाने के लिए एक कदम के रूप में देखा जा रहा है।

हथियार सुविधाओं का किया दौरा

रूस पहुंचे जनरल जमान ने हथियार निर्माण सुविधाओं का दौरा करने के अलावा मॉस्को में नागरिक और सैन्य नेतृत्व दोनों के साथ विचार-विमर्श किया। रूसी रक्षा मंत्रालय ने बताया कि रूस के उप रक्षा मंत्री कर्नल जनरल अलेक्जेंडर फोमिन और जनरल जमान के बीच मुलाकात हुई, जिसमें दोनों ने सैन्य सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की।

चीन की बढ़ेगी टेंशन

बयान में कहा गया कि उन्होंने ‘रक्षा क्षेत्र में सहयोग की संभावनाओं पर चर्चा की और रूस और बांग्लादेश की सेनाओं और लोगों के बीच मौजूदा मैत्रीपूर्ण संबंधों को और मजबूत करने के लिए आपसी दृढ़ संकल्प व्यक्त किया।’ जरनल जमान की यह यात्रा बांग्लादेश की सेना द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले चीनी मूल के रक्षा उपकरणों को कम करके विविधता लाने के सेना प्रमुख के प्रयासों का हिस्सा हो सकती है। यह  चीन की टेंशन बढ़ाने वाला होगा।

 

भारत के लिए राहत

 मोहम्मद यूनुस जहां बांग्लादेश में चीन की रणनीति उपस्थिति को बढ़ाने की कोशिश कर रहे हैं, इस बीच आर्मी चीफ के प्रयास से बढ़ते रूस-बांग्लादेश संबंध से भारत को राहत मिलेगी। भारत और म्यांमार के विपरीत, बांग्लादेश की मॉस्को के साथ सीमित रक्षा साझेदारी है। हालांकि, बांग्लादेश की सेना में रूसी रक्षा उपकरण हैं, जिसमें याक ट्रेनर विमान और कुछ मिग लड़ाकू जेट शामिल हैं।

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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