पटियाला में आर्मी के कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाथ के साथ पुलिसकर्मियों द्वारा कथित तौर पर दुर्व्यवहार किए जाने का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है। कर्नल पुष्पेंद्र सिंह बाथ की पत्नी को इस मामले में पूर्व सैन्य अधिकारियों का समर्थन मिला है। वहीं पंजाब पुलिस के डीजीपी गौरव यादव का कहना है कि इस मामले को संस्थानों की बीच की लड़ाई नहीं बनाया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि मामले में कानून अपना काम करेगा।
शुक्रवार को मीडिया से बातचीत में डीजीपी गौरव यादव ने कहा,”मैं आर्मी बैकग्राउंड से आता हूं। मैं एक आर्मी अफसर का बेटा हूं। मैं आर्मी का बहुत सम्मान करता हूं। जो हुआ वह दुर्भाग्यपूर्ण था और हम उचित कार्रवाई करेंगे। साथ ही, मैं यह भी कहना चाहूंगा कि मुझे अपनी खाकी वर्दी पर बहुत गर्व है…”
डीजीपी गौरव यादव ने आगे कहा, “पंजाब पुलिस एक बहुत ही बहादुर, दिलेर, जांबाज फोर्स है, जिसने फौैज और पैरा मिलिट्री के साथ मिलकर के आतंकवाद का खात्मा किया है। हम भी बहुत क्लोज लेवल पर आर्मी के साथ, बीएसएफ के साथ समन्वय और सहयोग के साथ काम करते है। मैं सभी से गुजारिश करूंगा कि कि इसे संस्थागत लड़ाई या सेना बनाम पुलिस के रूप में न देखें। कानून अपना काम करेगा।”
क्या है मामला?
, घटना 13 और 14 मार्च की रात की है, जब कर्नल पुष्पिंदर सिंह बाथ और उनका बेटा पटियाला के सरकारी राजिंदर अस्पताल के पास सड़क किनारे स्थित एक भोजनालय में थे। कर्नल के परिवार ने दावा किया कि जब वे दोनों अपनी कार के बाहर खड़े होकर खाना खा रहे थे, तो सादे कपड़ों में कुछ पुलिस अधिकारी उनके पास आए और कर्नल से कहा कि वे अपनी गाड़ी हटा लें, ताकि वे अपनी गाड़ी खड़ी कर सकें। आरोप है कि जब कर्नल ने उनके इस असभ्य लहजे पर आपत्ति जताई तो एक अधिकारी ने उन्हें मुक्का मार दिया और अन्य पुलिसकर्मियों ने उनके और उनके बेटे के साथ मारपीट करना शुरू कर दिया।