भिलाई। दुर्ग जिला चिकित्सालय के शिशु वार्ड से बच्चों के अदला-बदली मामले में अब दोनों माताओं को राहत मिली। डीएनए रिपोर्ट आने के बाद शबाना और साधना को उनके वास्तविक बच्चों को सौंप दिया गया है। शनिवार को रिपोर्ट आई और उसके बाद सक्षम अधिकारियो के समक्ष बच्चों को अपनी अपनी मां को सौंप दिया गया है। वास्तविक बच्चों को पाकर दोनों माताओं के चेहरों पर मुस्कान दिखी
बता दें जिला अस्पताल दुर्ग में शिशु वार्ड के स्टाफ की लापरवाही के कारण दो बच्चो की अदला बदली हो गई थी।यह मामला तब उजागर हुआ था जब शबाना के परिवार के लोगो ने घर पहुंचकर साधना के बच्चे के हाथ में लगे टैग को देखा। इसके बाद परिजन बच्चे को लेकर सरकारी अस्पताल पहुंचे थे। डॉक्टरों को उनके द्वारा पूरी जानकारी दी गई। जिसके बाद अस्पताल प्रबंधन भी सकते में आ गया। साधना के परिवार के लोगो को बुलाकर बच्चे को शबाना को सौंपने को कहा।
इसमे दुविधा तब हुई जब साधना और शबाना के बच्चे को अपना बच्चा बताती रही। जिसके कारण शबाना का परिवार डीएनए टेस्ट करवाने की मांग करने लगा। इसके दो दिन पहले दुर्ग कलेक्टर और सीडब्ल्यूसी के दिशा निर्देश पर टेस्ट करवाया गया। शनिवार को डीएनए टेस्ट की रिपोर्ट आ गई। इसके बाद जिला अस्पताल प्रशासन ने सक्षम अधिकारियों के सामने शबाना और साधना को उसके वास्तविक बच्चों को सुपुर्द कर दिया गया है। दोनों परिवार के लोगो ने बताया कि उनका अपना बच्चा मिल गया है।
इधर दुर्ग जिला अस्पताल के सिविल सर्जन ने हेमंत साहू और इस मामले के नोडल अधिकारी आईएएस एम भार्गव ने बताया कि इस मामले की गंभीरता को देखते हुए डीएनए टेस्ट की प्रक्रिया में तेजी दिखाई गई और दो दिनों में बंद लिफाफे में भेजी गई रिपोर्ट को सबके समक्ष खोला गया। जिसमें बच्चो के जैविक माता पिता की पहचान हुई है। इसके बाद दोनों परिवार को उनके नवजात शिशुओं को सौंपा गया है। हॉस्पिटल स्टॉफ की लापरवाही को लेकर कहा गया कि इसके लिए एक समिति बनाकर दोषियों के विरुद्ध कड़ाई से कार्रवाई की जाएगी।
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