भिलाई। कोसा नगर सुपेला के रहने वाले दिव्यांग ई-रिक्शा चालक की हत्या का मामला पुलिस ने सुलझा लिया है। पुलिस ने इस मामले में तीन नाबालिग सहित चार आरोपियों को गिरफ्तार किया है। सभी सुपेला क्षेत्र के रहने वाले हैं। हत्या की वजह भी कोई बड़ी नहीं है। मामूली बात पर चारों ने मिलकर दिव्यांग की हत्या की और उसके शव को जेवरा सिरसा क्षेत्र में तालाब के पास फेंक दिया था। सुपेला पुलिस पकड़े गए आरोपियों के खिलाफ आगे की कार्रवाई कर रही है। मंगलवार को पुलिस कंट्रोल रूम सेक्टर-6 में एएसपी सुखनंदन राठौर व सीएसपी सत्य प्रकाश तिवारी ने इसका खुलासा किया।
बता दें कोसा नगर कुर्मी भवन के पीछे रहने वाला लाल दास चतुर्वेदी 16 जनवरी की शाम 6 बजे से घर से निकला था। वह ई-रिक्शा चलाता था और इसी महीने की 2 तारीख को नई ई-रिक्शा किश्तों में खरीदी थी। 16 जनवरी की देर रात उसकी पत्नी ने कॉल किया तो फोन स्विच ऑफ आया। रातभर लाल दास नहीं लौटा। इसके बाद उसकी पत्नी ने 17 जनवरी को गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। इस बीच 18 जनवरी को जेवरा सिरसा चौकी के अंतर्गत एक तालाब में अज्ञात का शव मिला। शव को मरच्यूरी में भेजकर उसकी शिनाख्त कराई गई। मृतक की पहचान गुमशुदा लालदास चतुर्वेदी के रूप में हुई।
जेवरा पुलिस ने मर्ग कायम कर शव को पीएम के लिए भेज दिया। पीएम होने के बाद शार्ट रिपोर्ट में पता चला कि मृतक लालदास की मौत गला दबाने व भारी वस्तु से छाती में वार करने के कारण हुई है। शव पर चोट के निशान भी पाए गए। जिस दिव्यांग की मौत को पुलिस हादसा मानकर चल रही थी पीएम रिपोर्ट में उसकी हत्या की पुष्टि हो गई। इसके बाद सुपेला पुलिस ने 19 जनवरी को इस मामले में अज्ञात के खिलाफ हत्या का प्रकरण दर्ज कर विवेचना शुरू की है।
जांच के दौरान मुखबिर की सूचना मिली कि 16 जनवरी की शाम को 7-8 बजे कुछ व्यक्ति लालदास से कुर्मी भवन सुपेला के पास मारपीट करते देखे गए। मुखबिर की बताए अनुसार पुलिस ने संदेही आयुश बागडे व उसके साथियों को हिरासत में लिया। आयुष बागडे पिता अशोक बांगडे उम्र 25 साल पता कोसा नगर दीक्षित कालोनी वार्ड 05 का रहने वाला है। वह पूर्व में भी जेल जा चुका है। उसने अपने तीन नाबालिग साथियों के साथ हत्या करना स्वीकार किया। आरोपियों ने पुलिस को बताया कि 16 जनवरी की शाम को वे लोग जा रहे थे तो ई-रिक्शा में बैठे लालदास ने उन्हें गाली दी। इसी बात को लेकर दोनों में विवाद हुआ और आयुश ने अपने नाबालिग साथियों के साथ मिलकर लालदास की हत्या कर दी। इस महत्वपूर्ण कार्यवाही में थाना प्रभारी सुपेला राजेश मिश्रा, उप निरीक्षक दीपक सिंह चौहान, प्रधान आरक्षक अमर सिंह, उपेन्द्र सिंह, आरक्षक सूर्य प्रताप सिंह, दुर्गेश राजपूत, कुलदीप शुक्ला एसीसीयू की टीम सउनि पूर्णबहादूर आरक्षक पन्ने लाल, जुगनु सिंह, शिव मिश्रा, शहबाज खान, उपेन्द्र यादव की विशेष भूमिका रही।
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