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कल रखा जाएगा साल का आखिरी शनि प्रदोष व्रत, पूजा के लिए मिलेगा इतना समय

हिंदू धर्म शास्त्रों में शनि प्रदोष व्रत को बहुत महत्वपूर्ण बताया गया है. शनि प्रदोष व्रत के दिन पूजा से सभी दोष दूर हो जाते हैं. महीने में दो बार प्रदोष व्रत पड़ता है. एक प्रदोष व्रत शुक्ल पक्ष और दूसरा कृष्णपक्ष को पड़ता है. कृष्णपक्ष में पड़ने वाले प्रदोष व्रत पर खास तौर पर भगवान भोलेनाथ का पूजन किया जाता है. आइए जानते हैं साल के आखिरी प्रदोष व्रत पर भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए किस शुभ मुहूर्त में पूजा करें

शनि प्रदोष व्रत के दिन प्रमुख रूप से भगवान का पूजन और व्रत किया जाता है. जब ये प्रदोष व्रत शनिवार को पड़ता है, तो इसे शनि प्रदोष व्रत कहा जाता है. शनि प्रदोष व्रत पर शनिदेव की भी पूजा और उपासना की जाती है. मान्यता है कि कृष्णपक्ष का शनि प्रदोष व्रत करने से विशेष पुण्य की प्राप्ति होती है. यही वजह है कि हिंदू धर्म शास्त्रों में इस व्रत को करने के लिए कहा गया है.

पूजा का शुभ मुहूर्त

शनि प्रदोष व्रत की तिथि 28 दिसंबर तड़के सुबह 2 बजकर 26 मिनट पर शुरू होगी. वहीं 29 दिसंबर को तड़के सुबह 3 बजकर 32 मिनट पर ये तिथि समाप्त हो जाएगी. ऐसे में शनि प्रदोष व्रत 28 दिसंबर दिन शनिवार को रखा जाएगा. इस दिन प्रदोष काल का समय पूजा के लिए सबसे उत्तम माना जाता है. इस समय की शुरुआत सूर्यास्त के बाद मानी जाती है. ये समय ड़ेढ़ घंटे तक रहता है. प्रदोष काल में पूजन से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और सारी मनोकामनाएं पूरी करते हैं. भगवान शिव के पूजन का शुभ मुहूर्त शाम 5 बजकर 33 मिनट पर शुरू होगा. ये मुहूर्त रात 8 बजकर 17 मिनट पर समाप्त हो जाएगा

शनि प्रदोष का व्रत महत्व | Shani Pradosh Vrat Significance

हिंदू धर्म शास्त्रों में शनि देव कर्मफल दाता और न्याय के देवता कहे गए हैं. ये व्रत सभी पापों को नाश करके दुर्भाग्य को समाप्त कर देता है. इस व्रत को करने से घर में सुख, शांति और समृद्धि आती है. ये व्रत संतान की प्राप्ति हेतु भी किया जता है. माना जाता है जिनकी संतान की सेहत सही नहीं रहती, उन्हें इस दिन भगवान शिव की पूजा करनी चाहिए. आर्थिक स्थिति में सुधार और व्यापार में बढ़ोतरी के लिए भी इस दिन भगवान शिव की पूजा की जानी चाहिए. इस दिन पूजन और व्रत से शनि की साढ़ेसाती और ढैय्या से भी राहत मिलती है.

Disclaimer: इस खबर में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है.  जगन्नाथ डॉट कॉम भारतवर्ष इसकी पुष्टि नहीं करता है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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