छत्तीसगढ़

कबीरधाम जिले ने वर्षा जल संरक्षण के लिए 12 घंटे में सबसे अधिक सोख पीट बनाने और सबसे ज्यादा लोगों द्वारा जल संरक्षण का संकल्प लेने का रिकॉर्ड बनाया

एक ही दिन में बनाए दो वर्ल्ड रिकॉर्ड- गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दर्ज हुआ कबीरधाम जिले का नाम

कबीरधाम जिले ने वर्षा जल संरक्षण के लिए 12 घंटे में सबसे अधिक सोख पीट बनाने और सबसे ज्यादा लोगों द्वारा जल संरक्षण का संकल्प लेने का रिकॉर्ड बनाया

जिले के 469 पंचायतों के अंतर्गत 999 गांवों में डेढ बजे तक 1 लाख 2 हजार 98 सोख पिट निर्माण और 1 लाख 17 हजार 504 नागरिकों ने शपथ लिया

गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एशिया प्रमुख ने कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा को प्रोविजनल वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाण पत्र सौंपा

कवर्धा,  जून 2025। कबीरधाम जिले ने एक बार फिर यह साबित कर दिया कि जब संकल्प जन-आंदोलन में बदल जाता है, तो असंभव भी संभव हो सकता है। जिले में वर्षा जल संचयन को लेकर चलाए गए “मोर गांव-मोर पानी“ महाअभियान ने न केवल जन-जागृति की मिसाल पेश की, बल्कि दो अंतरराष्ट्रीय रिकॉर्ड बनाकर जिले को गौरवान्वित कर दिया। सिर्फ 12 घंटे के भीतर जिलेभर में महिला, पुरूष, बुजुर्ग, युवा बच्चों सहित लाखों नागरिकों ने अपने घरों और परिसरों में सोख पिट (सोखता गड्ढा) निर्माण कर वर्षा जल संचयन को लेकर सक्रिय भागीदारी निभाई। यही नहीं, लाखों की संख्या में लोगों ने जल संरक्षण की शपथ भी ली। यह समर्पण और सहभागिता ही थी, जिसने कबीरधाम को गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में दो श्रेणियों में दर्ज करा दिया। जिले में डेढ बजे तक 1 लाख 2 हजार 98 सोख पिट (सोखता गड्ढा) निर्माण किया जा चुका था और 1 लाख 17 हजार 504 नागरिकों ने जल संरक्षण के लिए शपथ लिया।
मुख्यमंत्री श्री विष्णुदेव साय और उपमुख्यमंत्री श्री विजय शर्मा के नेतृत्व में जिला प्रशासन कबीरधाम ने जल संरक्षण को लेकर एक सशक्त जनआंदोलन खड़ा किया। कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा और जिला पंचायत सीईओ श्री अजय कुमार त्रिपाठी की प्रेरणादायक पहल ने इस अभियान को जन-जन तक पहुंचाया। अभियान की सफलता को देखकर गोल्डन बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स के एशिया प्रमुख श्री मनीष विश्नोई ने कवर्धा पहुंचकर संपूर्ण अभियान की समीक्षा की और इसे एक अनूठा, समर्पित और सामूहिक प्रयास करार दिया। उन्होंने जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित प्रेस वार्ता में जिले को प्रोविजनल वर्ल्ड रिकॉर्ड प्रमाण पत्र कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा और जिला पंचायत सीईओ श्री अजय कुमार त्रिपाठी सौंपा। कबीरधाम की यह सफलता न केवल जिले की उपलब्धि है, बल्कि पूरे छत्तीसगढ़ और देश के लिए एक प्रेरणास्त्रोत है। यह साबित हो गया कि जब जनता, प्रशासन और नेतृत्व एकजुट हों, तो पर्यावरण संरक्षण जैसे बड़े लक्ष्य भी शीघ्रता से हासिल किए जा सकते हैं।
कलेक्टर श्री गोपाल वर्मा ने इस ऐतिहासिक उपलब्धि का श्रेय जिले के हर नागरिक को देते हुए कहा कि यह सम्मान केवल प्रशासन की उपलब्धि नहीं, बल्कि जिले के हर उस व्यक्ति का सम्मान है, जिसने जल संरक्षण को अपना दायित्व समझा और इस महाअभियान का सक्रिय हिस्सा बना। कलेक्टर ने इस उपलब्धि को जिले की समस्त जागरूक जनता, समाजसेवी संगठनों, मीडिया के साथियों, महिला स्व-सहायता समूहों, स्कूली छात्र-छात्राओं, शिक्षकों, कर्मचारियों और अधिकारियों को समर्पित किया। जिन्होंने बिना किसी स्वार्थ के पूरे समर्पण और ऊर्जा के साथ इस अभियान को सफल बनाया। उन्होंने कहा कि कबीरधाम ने न केवल दो वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाकर एक नया इतिहास रचा है, बल्कि देशभर के लिए यह संदेश भी दिया है कि जब समाज और प्रशासन एकजुट होकर कार्य करें, तो हर चुनौती को अवसर में बदला जा सकता है।
जिला पंचायत सीईओं श्री अजय कुमार त्रिपाठी ने बताया कि जिले के चारों विकासखंड में 469पंचायतों के अंतर्गत 999 गांवों में डेढ बजे तक 1 लाख 2 हजार 98 सोख पिट (सोखता गड्ढा) निर्माण किया जा चुका था और 4602 स्थानों में 1 लाख 17 हजार 504 नागरिकों ने जल संरक्षण के लिए शपथ लिया। विकासखंड कवर्धा में 23 हजार 110 सोख पिट निर्माण किया जा चुका था और 26 हजार 704 नागरिकों ने जल संरक्षण के लिए शपथ लिया। विकासखंड बोड़ला में 26 हजार 205 सोख पिट निर्माण किया जा चुका था और 29 हजार 976 नागरिकों ने जल संरक्षण के लिए शपथ लिया। विकासखंड पंडरिया में 27 हजार 911 सोख पिट निर्माण किया जा चुका था और 31 हजार 250 नागरिकों ने जल संरक्षण के लिए शपथ लिया। इसी तरह विकासखंड सहसपुर लोहारा में 24 हजार 872 सोख पिट निर्माण किया जा चुका था और 29 हजार 574 नागरिकों ने जल संरक्षण के लिए शपथ लिया।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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