सावित्रीपुर स्कूल में योग दिवस उत्साहपूर्वक मनाया गया … सांकरा जोंक दिनांक 21/6/2025 को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में शासकीय उच्चतर माध्यमिक विद्यालय सावित्रीपुर में समस्त छात्र-छात्राओं,शिक्षक शिक्षकाओं और जनप्रतिनिधियों के द्वारा योग,प्राणायाम का सामूहिक रूप से योग अभ्यास किया गया। इस अवसर पर संस्था के प्राचार्य सिदार सर ने कहा कि हर साल 21 जून को दुनिया भर के लोग अंतर्राष्ट्रीय योग मानते हैं,योग करने से व्यक्ति में एक नई शक्ति का संचार होता है,जो आपकी हर बॉडी पार्ट को हेल्दी रखने का काम करता है।वरिष्ठ व्याख्याता निर्मल साहू सर ने कहा कि योग वैदिक समय से हमारे जीवन का हिस्सा रहा है योग की महिमा ऐसी है कि यह न केवल आपकी शारीरिक स्वास्थ्य को बल्कि मानसिक और आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी दुरुस्त करता है ।ऐसे हर साल 21 जून को दुनिया भर के लोग अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस बड़े ही चाव से मनाते हैं। बी डी साहू सर ने कहा कि योग भारत की प्राचीन परंपरा और सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा रहा है यह केवल व्यायाम नहीं बल्कि एक ऐसी विधा है जो शरीर,मन और आत्मा को जोड़ने का कार्य करती है l संकुल समन्वयक पी एल चौधरी सर कहा कि इस दिन का मकसद योग के लाभों से लोगों को जागरूक करना है इसके अलावा योग दिवस हमें अपनी भाग दौड़ भरी जिंदगी में रुककर अपने भीतर झांकने और शारीरिक ,मानसिक और आध्यात्मिक संतुलन स्थापित करने के लिए प्रेरित करता है।इस दिन भारत समेत दुनिया भर में लोग सामूहिक रूप से योगाभ्यास करते हैं। मिडिल स्कूल हेडमास्टर एस एल पटेल सर ने कहा कि योग दिवस मनाने का सबसे बड़ा मकसद इसके लाभों को पूरी दुनिया में फैलाना है योग के फायदे को देखकर पूरे विश्व में इसे दिल से स्वीकार किया है,भारत के ऋषियों ने इस विज्ञान को गहन अभ्यास और चिंतन से विकसित किया है।योग दिवस की शुरुआत भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल पर हुई ।प्राइमरी स्कूल के प्रधान पाठक महेंद्र तांडी सर ने कहा कि हर साल योग दिवस की एक थीम रखी जाती है, इस साल यानी 2025 के अंतरराष्ट्रीय योग दिवस की थीम है_योग फॉर वन अर्थ,वन हेल्थ यानी एक पृथ्वी,एक स्वास्थ्य के लिए योग”।इस साल की थीम बताती है कि हमारी सेहत और धरती की सेहत एक दूसरे से जुड़ी हुई है।यह भारतीय संस्कृति की वसुधैव कुटुंबकम की विचारधारा से जुड़ी है। इसका मतलब है सारी दुनिया एक परिवार है। डी के भारती सर ने कहा कि योग केवल शरीर को मोड़ने मरोड़ने की क्रिया नहीं, बल्कि आत्म साक्षात्कार की वह प्रद्धति है, जिसमें तन,मन और चित्त तीनों का सम्यक संतुलन होता है। उत्तम भोई सर ने कहा कि योग केवल एक शारीरिक अभ्यास नहीं,यह समरसता, सामुहिकता और समर्पण का आव्हान है ।योग को अपनाइए और उस ऊर्जा को निरंतर दिनचर्या का हिस्सा बनाएं।

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