नई दिल्ली. देश में पिछले कुछ समय से प्याज के बढते भाव पर ब्रेक लग गया है. देश की सबसे बड़ी थोक प्याज मंडी लासलगांव में प्याज का औसत थोक रेट एक महीने में 50 फीसदी गिर गया है. पिछले महीने तक जहां कीमतें ₹4000 प्रति क्विंटल थीं, वहीं कल यानी रविवार 22 दिसंबर को यह घटकर ₹2000 प्रति क्विंटल हो गई. नई खरीफ फसल की आवक से प्याज का भाव गिरा है. व्यापारियों का कहना है कि महाराष्ट्र, गुजरात और मध्य प्रदेश के प्रमुख प्याज उत्पादक क्षेत्रों में नए प्याज की आवक बढ़ने से रेट अभी और गिरने की उम्मीद है. उपभोक्ता मामलों के विभाग के अनुसार, प्याज की खुदरा कीमतें ₹60 प्रति किलोग्राम से घटकर ₹40 प्रति किलोग्राम हो गई हैं.प्याज व्यापारियों का कहना है कि खरीफ फसल का प्याज अधिक नमी के कारण लंबे समय तक भंडारित नहीं किया जा सकता. इसलिए किसान इसे खुदाई के साथ ही बाजार में ले आते हैं. इस साल अच्छी और समय पर हुई मानसूनी बारिश ने प्याज समेत अन्य बागवानी फसलों जैसे टमाटर और आलू के उत्पादन को बढ़ावा दिया है. आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, इस साल खरीफ प्याज का क्षेत्रफल 0.36 मिलियन हेक्टेयर है, जो पिछले वर्ष की तुलना में 27% अधिक है. खरीफ प्याज का कुल उत्पादन में लगभग 20% हिस्सा होता है. रबी प्याज, जो मार्च में काटा जाता है और उत्पादन में लगभग 60% का योगदान देता है.
निर्यात शुल्क हटा तो बढ़ेंगे दाम
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के अनुसार, लासलगांव, कृषि उत्पाद बाजार समिति (APMC) के निदेशक जयदत्त होलकर का कहना है कि महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश और गुजरात जैसे प्रमुख उत्पादक राज्यों में थोक बाजारों में प्याज की बढ़ती आवक से मंडी भाव गिर रहे हैं. उनका कहना है कि सरकार ने प्याज के निर्यात पर 20 फीसदी शुल्क लगाया है. अब इसे हटाने की मांग हो रही है. निर्यात शुल्क हटाने से मांग और कीमतें बढ़ सकती हैं.
प्याज का उत्पादन खर्च लगभग ₹1700-₹1800 प्रति क्विंटल है. अधिकारियों ने कहा कि खुदरा कीमतें अभी भी उच्च स्तर पर हैं, जिससे निर्यात शुल्क में कटौती करना उचित नहीं है. हालांकि, व्यापारियों का मानना है कि प्रमुख उत्पादक राज्यों में खरीफ फसल की मजबूत आवक से अगले कुछ हफ्तों में खुदरा कीमतों में और नरमी आने की उम्मीद है.महाराष्ट्र ने की शुल्क हटाने की मांग
महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री अजीत पवार ने वाणिज्य मंत्री पीयूष गोयल को एक पत्र लिखकर प्याज पर लगे 20% निर्यात शुल्क को हटाने का अनुरोध किया है. उन्होंने कहा, “यदि हम प्याज पर 20% निर्यात शुल्क हटा देते हैं, तो किसानों को कीमतों में गिरावट के कारण हुए नुकसान की भरपाई में कुछ राहत मिलेगी.” सितंबर में सरकार ने प्याज के निर्यात पर शुल्क को 40% से घटाकर 20% कर दिया था.