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मठ की मुखिया बनने किन्नर काजल की करा दी हत्या, 12 लाख में इस दल के कार्यकर्ता ने दिलाई सुपारी

पुलिस ने हत्याकांड में शामिल 5 आरोपियों को किया गिरफ्तार
बलौदाबाजार। छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले में बंद पड़े पत्थर खदान में किन्नर काजल के अंधे कत्ल की गुत्थी पुलिस ने सुलझा ली है। पुलिस ने इस हत्याकांड में 5 आरोपियों को गिरफ्तार कर खुलासा किया है। बताया जा रहा है कि मठ की कुर्सी के लिए मुंबई की तपस्या ने काजल किन्नर की हत्या करवायी। इसके लिए बकायदा बजरंग दल के नेता ने 12 लाख रूपये की सुपारी भी दी। बलौदाबाजार पुलिस ने वारदात के 48 घंटे के भीतर इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।

गौरतलब है कि 18 नवंबर को बलौदाबाजार जिले में ढाबाडीह गांव के बंद पड़े पत्थर खदान में महिला की लहूलुहान लाश मिली थी। शव के पास से डेढ़ लाख रुपए भी पुलिस ने बरामद किया गया था। पुलिस की जांच में पता चला कि शव महिला की नहीं बल्कि किन्नर की थी। जांच में शव ग्राम जोरा, रायपुर निवासी किन्नर काजल का होना पाया गया। जिसकी गुमशुदगी की रिपोर्ट तेलीबांधा थाने में दर्ज थी। बलौदाबाजार एसपी विजय अग्रवाल ने बताय कि किन्नर मठ का प्रमुख बनने के लिए काजल दावेदार थी। ऐसे में काजल को रास्ते से हटाने के लिए इस हत्याकांड को अंजाम दिया गया है।

पुलिस ने खुलासा किया कि किन्नरों के निवास भवन जोरा रायपुर में सभी किन्नर एक साथ रहते हैं। जिसमें आरोपी तपस्या किन्नर मुंबई से आकर रह रही है। काजल रायपुर की रहने वाली थी। हत्या की मुख्य आरोपी तपस्या किन्नर मठ की कुर्सी पाना चाहती थी। इसके लिए उसने काजल को रास्ते की सबसे बड़ी चुनौती मान रही थी। काजल को रास्ते से हटाने के लिए तपस्या ने हत्या की पूरी प्लानिंग की। मठ प्रमुख बनने की चाहत में आरोपी तपस्या ने निशा श्रीवास के साथ मिलकर काजल को रास्ते से हटाने की फूल प्रूफ प्लानिंग बनाई। इसके लिए उसने सितंबर 2024 में गणेश उत्सव से ही पैसा इक_ा करना शुरू कर दिया था।

काजल की हत्या के लिए तपस्या किन्नर ने पैसा इक_ा कर कुल 12 लाख रुपए निशा श्रीवास को दिए। प्लानिंग में निशा श्रीवास ने अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे जो कि बजरंग दल का कार्यकर्ता है, उसके जरिये हत्या के लिए एक सुपारी किलर को 6 लाख रुपए नकद दिए। लेकिन बाद में पता चला कि वह सुपारी किलर किसी अन्य मामले में जेल चला गया है। इसी बीच काजल की हत्या करने के लिए दो अन्य सुपारी किलर अंकुश और कुलदीप से सौदा किया गया। इसी बीच वारदात के 2 दिन पहले आरोप निशा श्रीवास अपने ड्राइवर हिमांशु बंजारे के साथ घटनास्थल ग्राम ढाबाडीह के पास पत्थर खदान को देखने भी आई।

ऐसे दिया पूरी वारदात को अंजाम
एसपी विजय अग्रवाल ने इस हत्याकांड का खुलासा करते हुए बताया कि काजल को मारने के लिए निशा किन्नर ने उसे झांसा देकर कार में बिठाया कि बलौदाबाजार में किसी से तीन लाख रुपए लेने हैं, जिसमें डेढ़ लाख रुपए काजल का हिस्सा होगा। निशा की अर्टिगा कार में ड्राइवर बंजारे 17 नवंबर को दोनों को लेकर बलौदाबाजार की ओर निकला। पीछे मोटरसाइकिल में सुपारी लेने वाले कुलदीप और अंकुश भी निकले। निशा किन्नर ने अमेरा गांव के पास कार रुकवाई।

पीछे आ रहे कुलदीप और अंकुश भी कुछ दूरी पर रुके और दोनों ने निशा को तीन लाख रुपए दिए। डेढ़ लाख रुपए निशा ने काजल को दिए, फिर ढाबाडीह की ओर बड़ गये। घटनास्थल के करीब पहुंचकर तीनों कार से उतरे। इसके बाद पीछे-पीछे कुलदीप और अंकुश भी आ गए। इसी बीच ड्राइवर बंजारे ने निशा को कार में बिठाया और काजल को छोड़कर वापस रायपुर लौट आया। उधर कुलदीप और अंकुश ने धारदार हथियार से काजल की हत्या कर लाश को पत्थर खदान में ठिकाने लगाकर मौके से फरार हो गये।

आरोपियों के पास से बरामद हुए सुपारी के 10.50 लाख रूपये
अंधे कत्ल का खुलासा होने के बाद पुलिस ने छापामार कार्रवाई कर इस वारदात में शामिल 5 आरोपियों को गिरफ्तार किया है। आरोपियों के कब्जे से साढ़े 10 लाख रुपए बरामद किया गया है। जो कि तपस्या किन्नर ने काजल को रास्ते से हटाने के लिए दोनों हत्यारों को दिये थे। पुलिस ने इस हत्याकांड में शामिल मुख्य आरोपी तपस्या किन्नर उर्फ मोहम्मद इमरान सहित निशा किन्नर, हिमांशु बंजारे, कुलदीप कुरील और अंकुश चौधरी को गिरफ्तार किया है। वारदात में इस्तेमाल कार, मोटरसाइकिल, हथियार भी पुलिस ने बरामद कर जब्त कर लिया है।

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