वाशिंग मशीन खासकर जो फ्रंट लोडर वाले वाशिंग मशीन आते हैं उनमें अक्सर सील टाइट होते हैं. इसमें मॉइशचर बना रहता है. इन मॉइश्चर वाली जगहों पर बैक्टीरिया, फंगस के पनपने की आशंका सबसे ज्यादा होती है. वहीं सील, रबर गैसकेट, डिटर्जेंट ड्राउर के पास बैक्टीरिया सबसे ज्यादा होते हैं. जब कपड़े से गंदगी निकलती है तो ये गंदगी इन्हीं जगहों पर आकर चिपक जाते हैं और जब वाशिंग मशीन आराम कर रहा होता है तब यह करोड़ों की संख्या में बैक्टीरिया जन्म ले लेते हैं. ये बैक्टीरिया, फंगस हर तरह का वातावरण में जिंदा रह सकते हैं. ये सब वाशिंग मशीन से किसी न किसी माध्यम के सहारे स्किन में टच करते हैं और हमें इंफेक्शन दे देते हैं
कोलाई बैक्टीरिया-इन गंदगी में सबसे ज्यादा ई-कोलाई बैक्टीरिया होता है. ई-कोलाइ फूड, वातावरण, पानी और यहां तक कि इंसानों और जानवरों के पेट में पाए जाते हैं. ये जब मशीन में चले जाते हैं तो इससे इंसान में घुसते हैं. ई.कोलाई के कारण पेट में इंफेक्शन होता है. ई-कोलाई से बचने के लिए अंडरगार्मेंट, क्लॉथ डायपर्स और किचन टॉवेल को वाशिंग मशीन में न डालें. इसके बदले अलग से साफ करें
स्टेफायलोकॉकस बैक्टीरिया-स्टेफायलोकॉकस बैक्टीरिया गर्म पानी में भी जिंदा रह सकता है. इसलिए जब यह मशीन में घुसता है तो इसका वहां से निकलना मुश्किल हो जाता है. ये बैक्टीरिया जब स्किन के संपर्क में आता है तो स्किन में इंफेक्शन कर देता है. इसके अलावा भी स्टेफायलोकॉकस से अन्य बीमारियां होती है. इससे बचने के लिए गर्म पानी (60 डिग्री से उपर) से वाशिंग मशीन को साफ करें या रेगुलर ब्लीच करते रहे ताकि बैक्टीरिया को मारा जा सके. महीने में एक बार वाशिंग मशीन में गर्म पानी और ब्लीच देकर चला दें. स्यूडोमोनास इंफेक्शन-पानी और मिट्टी में होने वाला सामान्य बैक्टीरिया है स्यूडोमोनास ऑरूजीनोसा. यह नमी वाले वातावरण में रहता है. यह वाशिंग मशीन के अंदरुनी हिस्से में घुस जाता है. इससे निमोनिया, यूटीआई, घाव, सेप्टिसीमिया बीमारी हो सकती है. इससे बचने के लिए जब आप वाशिंग मशीन का इस्तेमाल कर लेते हैं तब इसे कुछ देर तक खुले में छोड़ दें. वहीं जहां-जहां रबर की सील है वहां-वहां गर्म पानी से साफ करें फंगल इंफेक्शन-कैंडिडा, मॉल्ड जैसे फंगस वाशिंग मशीन में हर जगह मौजूद होते हैं. फ्रंट लोडर वाशिंग मशीन में फंगस के पनपने का ज्यादा जोखिम रहता है. फंगल इंफेक्शन के कारण खुजली, स्किन में इंफेक्शन और सांस संबंधित इंफेक्शन का खतरा रहता है. इससे बचने के लिए वाशिंग मशीन का दरवाजा, रबर सील आदि को हर बार सूखे कपड़े से पोंछ दें और कुछ देर ऐसे ही बाहर छोड दें. महीने में एक बार विनेगर या वाश क्लीनर से साफ मायोबैक्टीरियम इंफेक्शन-वाशिंग मशीन में नॉन-ट्यूबरकुलॉस मायोबैक्टीरिया मौजूद होते हैं जो स्किन इंफेक्शन और सांसों से संबंधित बीमारियां दे सकते हैं. इससे बचने के लिए तौलिया, जिम वाला कपड़ा और स्किन से चिपकने वाले कपड़े को गर्म पानी में धोना चाहिए. इन सारे इंफेक्शन से बचने का सबसे बेहतर तरीका है महीने में एक बार गर्म पानी में वॉशिंग क्लीनर या विनेगर आदि देकर इसे चला दें और पूरे वाशिंग मशीन को सही से साफ कर