कच्चा प्याज खाने से पाचन क्रिया बेहतर होती है. माना जाता है कि कच्चा प्याज ब्लड शुगर को भी नियंत्रण में रखता है और ये रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी बढ़ाता है. पोटेशियम की मौजूदगी के कारण प्याज दिल को भी स्वस्थ रखता है और इसके तमाम फायदे हैं. ऐसे में प्याज हमारे रोज़ के खाने का हिस्सा है.प्याज लगभग सभी के घरों में इस्तेमाल होता है. आमतौर पर ग्रेवी बनाते समय प्याज का उपयोग किया जाता है. इसके अलावा, हम कच्चे प्याज को सलाद के तौर पर खाते हैं और सब्ज़ियों का ज़ायका बढ़ाने के लिए इसे डाला जाता है.कई बार आप प्याज खरीदते समय या प्याज काटते समय देखेंगे कि प्याज पर काले धब्बे पड़ गए हैं. ऐसे धब्बे कभी ऊपर तो कभी प्याज़ के अंदर भी दिखाई देते हैं. आप इसे ज़रा से रगड़ देते हैं तो ये दूर हो जाता है.प्याज में पाया जाने वाला यह काला फंगस असल में एस्परगिलस नाइजर (एस्परगिलस नाइजर) है. इस प्रकार का कवक मिट्टी में पाया जाता है. हालांकि इससे ब्लैक फंगस जैसी बीमारी नहीं होती, लेकिन यह हमारे शरीर के लिए हानिकारक है.इस प्रकार के फंगस वाले प्याज एलर्जी हो सकती है.खासतौर पर जिन लोगों को पहले से ही एलर्जी है उन्हें इस तरह का प्याज कभी नहीं खाना चाहिए, वरना स्थिति खराब हो सकती है.इस प्रकार का प्याज खासतौर पर अस्थमा से पीड़ित लोगों के लिए भी हानिकारक हो सकता है. इसलिए, प्याज की एक या दो परतें खाना बेहतर है. कुछ अध्ययनों से यह भी पता चला है कि यह फंगस सिरदर्द, मतली, पेट दर्द, दस्त आदि जैसी समस्याएं पैदा कर सकता है. प्याज को फ्रिज में रखने से भी बचना चाहिए.
(डिस्क्लेमर: इस लेख में दी गई जानकारी इंटरनेट पर अलग-अलग स्रोतों से ली गई है. जगन्नाथ डॉट कॉम हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है. विस्तृत जानकारी के लिए विशेषज्ञ की सलाह लें.)