आधुनिक समय में डायबिटीज काफी ज्यादा कॉमन बीमारी हो चुकी है। यह धीरे-धीरे हमारे शरीर को खोखला कर देती है। डायबिटीज से ग्रसित व्यक्तियों का ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाता है, अगर समय पर इसे कंट्रोल न किया जाए, तो मरीजों को कई तरह की घातक बीमारियां हो सकती हैं। शरीर में ब्लड शुगर लेवल हाई होने पर कई तरह के लक्षण दिखते हैं, जिसमें पेशाब में दिखने वाले कुछ लक्षण भी शामिल हैं। जी हां, पेशाब में दिखने वाले लक्षणों से भी आप डायबिटीज की पहचान कर सकते हैं। इस लेख में हम आपको पेशाब में हाई ब्लड शुगर के लक्षणों के बारे में बताएंगे। आइए जानते हैं इस बारे में विस्तार से-
पेशाब से काफी ज्यादा दुर्गंध आना
डायबिटीज की स्थिति में मरीजों के पेशाब से काफी ज्यादा गंध आने लगती है। दरअसल, इस स्थिति में पेशाब में काफी ज्यादा शुगर बढ़ जाता है, जिसकी वजह से पेशाब में केटोनियम बनने लगता है। इस स्थिति को केटोन्यूरिया कहते हैं। इसकी वजह से आपके पेशाब से काफी ज्यादा गंध आने लगता है।
पेशाब का रंग गाढ़ा होना
ब्लड में शुगर का स्तर काफी ज्यादा बढ़नेकी स्थिति में मरीजों के पेशाब का रंग काफी ज्यादा गाढ़ा हो सकता है। ऐसे संकेत मुख्य रूप से सुबह के समय दिखते हैं। अगर आपको ऐसे संकेत दिख रहे हैं, तो फौरन अपने डॉक्टर की सलाह लें।
झागदार पेशाब होना
शरीर में ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाने की स्थिति में पेशाब क्लॉउडी यानि झागदार हो सकता है। ऐसे संकेत महसूस होने पर आपको एक बार अपने ब्लड शुगर लेवल की जांच करानी चाहिए। ताकि स्थिति की गंभीरता पहले से ही पता चल सके।
पेशाब ले मीठी सी गंध आना
शरीर में ब्लड शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाने की स्थिति में मरीजों के पेशाब से मीठी सी गंध आने लगती है। दरअसल, डायबिटीज की वजह से पेशाब में अतिरिक्त ग्लूकोज होने लगता है, जिसकी वजह से पेशाब से मीठी-मीठी सी गंध आने लगती है। ऐसे में आपको एक बार डॉक्टर की मदद लेने की जरूरत होती है।
बार-बार पेशाब आना
शरीर में शुगर लेवल काफी ज्यादा बढ़ जाने की स्थिति में मरीजों को बार-बार पेशाब आने लगता है। इसकी वजह से उन्हें पूरी रात परेशानी होने लगती है। वे यूरिन को रोक नहीं पाते हैं। अगर आपको भी ऐसे संकेत दिख रहे हैं, तो ब्लड शुगर लेवल की जांच जरूर करा लें।शरीर में ब्लड शुगर का स्तर काफी ज्यादा बढ़ जाने की स्थिति में आपको अपने पेशाब में दिखने वाले बदलावों पर ध्यान देने की जरूरत है। ताकि समय पर आपका इलाज हो सके और स्थिति की गंभीरता को कम किया जा सके।