आमतौर पर लोग मंदिरों में पूजा पाठ के लिए जाते हैं. पर कुछ मंदिर इलाज के लिए भी प्रसिद्ध हैं. ऐसे ही एक मंदिर की कहानी आज हम आपके लिए लेकर आए हैं. मान्यता है कि इस मंदिर में जाकर पूजा करने से आंखों की रोशनी लौट आती है. यह मंदिर यूपी के मऊ में है और नाम है ब्रह्मर्षि दास मंदिर. आप भी जानिए इस अनोखे मंदिर की खास कहानी.
किसी जादू से कम नहीं है ब्रह्मर्षि दास मंदिर
से बात करते हुए केशव प्रसाद यादव बताते हैं कि बाबा ब्रम्हर्षि दास इतने बड़े तपस्वी थे कि यदि वो अपने मुख से कह दें, तो उनके यहां आने वाले नेत्रहीन लोगों की आंख की रोशनी आ जाती थी. केशव प्रसाद बताते हैं कि उनके गांव के घर के बगल में एक घर में हरिजन युवक नेत्रहीन था. बाबा उसके घर गए और उसके परिवार से कहा कि इसको आप मेरे आश्रम में भेज दें. उन्होंने कहा कि यह नेत्रहीन बालक घर बैठकर क्या करेगा, मेरे आश्रम में आए.
नेत्रहीन युवक के साथ हुआ था कुछ ऐसा
बाबा ब्रम्हर्षि दास ने उस नेत्रहीन युवक को अपने आश्रम के सामने जल में नाव चलाकर भक्तों को मंदिर के दर्शन कराने का आदेश सौंपा. उन्होंने कहा, यदि श्रद्धा भाव से वह लोगों को दर्शन कराता है, तो उसकी आंख की रोशनी वापस आ जाएगी. तपस्वी बाबा की बातों को सुनकर उस युवक को मंदिर पर लाकर छोड़ दिया. उसे परिवार के लोग प्रतिदिन सुबह मंदिर पर आते थे और युवक को नाव पर बैठा देते थे.ठीक हो गई थी आंखें
8 वर्ष का नेत्रहीन युवक प्रतिदिन आने जाने वाले दर्शनार्थियों को मंदिर पर दर्शन करता था. धीरे-धीरे 8 वर्ष बीत गए अब युवक 16 वर्ष का हो गया था और उसकी आंख की रोशनी आ गई. तभी से इस मंदिर पर लोगों की श्रद्धा जागी और यहां पर सात दिवसीय हवन और यज्ञ कराकर एक विशाल भंडारा करते हैं. लोग यहां तक कहते हैं कि इस मंदिर की यह विशेषता रही है कि इस मंदिर पर कभी कोई झूठी कसमें नहीं खाता है. और ना ही मांस मदिरा का सेवन करके इस मंदिर में आ पाता है. यह मंदिर कई जनपदों में काफी फेमस है. यहां पर तपस्वी बाबा ब्रह्मर्षि का दर्शन करने के लिए लोग प्रतिदिन आते हैं.