त्योहारी सीजन में सब्जियों के दाम ने लोगों की जेब पर भारी असर डाला है। दिवाली से ठीक पहले टमाटर की कीमतों ने थोड़ी राहत दी, लेकिन बाकी सब्जियों के भाव मजबूत होते दिख रहे हैं। लहसुन की कीमतें भी दो हफ्ते में सात फीसदी से ज्यादा बढ़ गए।
प्याज-टमाटर के भाव गिरे
दो हफ्तों के आंकड़ों पर नजर डालें तो प्याज और टमाटर के भाव में गिरावट देखने को मिलती है। अभी गाजियाबाद मंडी के खुदरा बाजार में प्याज का भाव 50 रुपये किलो है। 18 अक्तूबर को यह 55 रुपये किलो में बिक रहा था। टमाटर की बात करें तो 18 अक्तूबर को इसकी बिक्री 80 से 100 रुपये किलो में हो रही थी, जो अब 60 रुपये पहुंच गई है। आलू की कीमतें भी दो रुपये कम हुईं हैं। 18 अक्तूबर को एक किलो आलू का भाव 30 रुपये था, जो अब 28 रुपये हो गया है। अरबी, मूली, फूल गोभी, लौकी, करेला जैसी सब्जियों की कीमतों में भी गिरावट दर्ज हुई है।
लेकिन इन सब्जियों ने बिगाड़ा थाली का स्वाद
एक तरफ कुछ सब्जियों की कीमतों में गिरावट हुई है तो दूसरी ओर कुछ के दाम भी काफी तेजी से बढ़े हैं। लहसुन की कीमतों में दो हफ्ते के अंदर सात फीसदी से ज्यादा की बढ़ोतरी दर्ज हुई है। 18 अक्तूबर को लहसुन 280 रुपये किलोग्राम के हिसाब से बिक रही थी, जो अब 300 रुपये के पार हो गई है। अदरक ने भी शतक लगा दिया है। अदरक अभी खुले बाजार में 100 रुपये प्रति किलोग्राम के हिसाब से बिक रही है। 18 अक्तूबर को इसकी कीमत 80 रुपये थीआने वाले दिनों में सब्जी के गिरेंगे दाम
चंद्रशेखर आजाद कृषि एवं प्रौद्योगिकी विश्वविद्यालय के प्रोफेसर डॉ. विवेक त्रिपाठी कहते हैं कि अभी सब्जियों की आवक तेज होगी। बारिश के चलते सप्लाई का काम प्रभावित हुआ था। अब एक तरफ सब्जियों की आवक तेज होगी तो दूसरी ओर नई सब्जियों की खेप भी तैयार होने लगेंगी। मतलब आने वाले दिनों में सब्जियों की कीमतों में गिरावट के आसार हैं।