धर्म

रमा एकादशी के दिन करें चमत्कारी ये उपाय, जीवन की सभी समस्याओं का होगा अंत

हर माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष में पड़ने वाली सभी तिथि का खास महत्व है। प्रत्येक माह के कृष्ण और शुक्ल पक्ष की एकादशी तिथि पर व्रत किया जाता है। धार्मिक मान्यता है कि कार्तिक माह की रमा एकादशी पर उपाय करने साधक के जीवन में खुशियों का आगमन होता है और कई तरह की परेशानियों से छुटकारा मिलता है। ऐसे में आइए इस जानते हैं कि रमा एकादशी (Rama Ekadashi 2024 Vrat Niyam) के दिन किए जाने वाले उपाय के बारे में।

 

रमा एकादशी के उपाय

  • यदि आप जीवन में लंबे समय से आर्थिक तंगी से जूझ रहे हैं, तो इस समस्या को दूर करने के लिए  रमा एकादशी शुभ मानी जाती है। राम एकादशी के दिन भगवान विष्णु और धन की देवी मां लक्ष्मी की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना करें। प्रिय चीजों का भोग लगाकर जीवन में सुख-शांति की कामना करें। ऐसा माना जाता है कि इस टोटके को करने से आर्थिक तंगी दूर होती है और जातक को जीवन में धन की कमी नहीं होती है।

अगर आप वैवाहिक जीवन में किसी समस्या का सामना कर रहे हैं, तो रमा एकादशी के दिन तुलसी माता की उपासना करें और देसी घी का दीपक जलाएं, क्योंकि तुलसी माता को मां लक्ष्मी का वास माना जाता है। इस टोटके को सच्चे मन से करने से वैवाहिक जीवन सदैव खुशहाल रहता है और पति-पत्नी के रिश्ते में मधुरता आती है

 

  • धन प्राप्ति के लिए रमा एकादशी के दिन पूजा के दौरान लाल कपड़े में 5 कौड़ियां बांधकर मां लक्ष्मी को चढ़ाएं। कुछ समय बाद इसे पर्स या तिजोरी में रख दें। माना जाता है कि ऐसा करने से जातक को धन की प्राप्ति होती है और रुका हुआ धन प्राप्त होता है।

रमा एकादशी 2024 डेट और टाइम (Rama Ekadashi 2024 Date and Shubh Muhurat)

 

पंचांग के अनुसार, कार्तिक माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि पर रमा एकादशी व्रत किया जाता है। इस तिथि की शुरुआत 27 अक्टूबर को सुबह 05 बजकर 23 मिनट पर होगी। वहीं, इसका समापन 28 अक्टूबर को सुबह 07 बजकर 50 मिनट पर होगा। ऐसे में 28 अक्टूबर को रमा एकादशी व्रत किया जाएगा। एकादशी व्रत पारण करने का मुहूर्त इस प्रकार है

रमा एकादशी व्रत का पारण 28 अक्टूबर को सुबह 06 बजकर 31 मिनट से लेकर 08 बजकर 44 मिनट तक है।अस्वीकरण: इस लेख में बताए गए उपाय/लाभ/सलाह और कथन केवल सामान्य सूचना के लिए हैं।  जगन्नाथ डॉट कॉम यहां इस लेख फीचर में लिखी गई बातों का समर्थन नहीं करता है। इस लेख में निहित जानकारी विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/मान्यताओं/धर्मग्रंथों/दंतकथाओं से संग्रहित की गई हैं। पाठकों से अनुरोध है कि लेख को अंतिम सत्य अथवा दावा न मानें एवं अपने विवेक का उपयोग करें।  जगन्नाथ डॉट कॉम अंधविश्वास के खिलाफ है।

 

Manoj Mishra

Editor in Chief

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