लखनऊ:हरदोई के जिलाधिकारी इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच के सामने पेश हुए तो न्यायाधीश ने उन्हें अपना मोबाइल हर समय ऑन रखने की हिदायत दी. दरअसल, कोर्ट के सामने विस्फोटक लाइसेंस रीन्यू देरी से किये जाने से संबंधित एक याचिका दाखिल हुई थी. इस पर जिलाधिकारी को कोर्ट ने तलब किया था. मंगलवार को जब डीएम साहब पेश हुए, तब प्रदेश की सबसे बड़ी कोर्ट ने मोबाइल बंद होने को लेकर नाराजगी जाहिर की. अब आगे पढ़िए आखिर ये दिलचस्प मामला है क्या?
बात शुरू करते हैं अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले याचिकाकर्ता से. दरअसल, हरदोई के कारोबारी नजाकत अली के मुताबिक उन्होंने आठ माह पहले विस्फोटक लाइसेंस के रेंन्यु के लिए जिलाधिकारी हरदोई मंगला प्रसाद के यहां आवेदन किया था. नजाकत के एप्लीकेशन पर डीएम ऑफिस से अभी तक कोई आदेश पारित नहीं किया गया है. मामला लटकता देख नजाकत ने अदालत से गुहार लगाई. उनकी याचिका पर सोमवार को कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सरकारी वकील को निर्देश दिया कि जिलाधिकारी हरदोई से पूछ के बताएं कि याची के लाइसेंस रीन्यू एप्लिकेशन पर अभी तक कोई आदेश क्यों नहीं किया गया?
कोर्ट के आदेश पर वकील ने डीएम हरदोई को फोन लगाया तो उनका मोबाइल स्विच ऑफ मिला. इस पर सरकारी वकील ने जज साहब को अपडेट किया कि जिलाधिकारी हरदोई को जब फोन किया गया, तो उनका फोन स्विच ऑफ था. इस रवैए पर हाईकोर्ट ने नाराजगी जताई और जिलाधिकारी मंगला प्रसाद को 22 अक्टूबर को 10:15 पर कोर्ट में उपस्थित होने का आदेश सुना दिया.
कोर्ट के आदेश पर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह ने मंगलवार को पेश हुए. उन्होंने अदालद को बताया कि नेटवर्क में तकनीकी समस्या के कारण उनका मोबाइल फोन स्विच ऑफ था. इसी कारण लाइसेंस रीन्यू करने संबंधित आर्डर 15 अक्टूबर को दिया गया. जिलाधिकारी का पक्ष सुनने के बाद न्यायाधीश अब्दुल मोइन कहा- भविष्य में ऐसा नहीं होना चाहिए. उन्हें अपना मोबाइल फोन 24 घंटे ऑन रखने की हिदायत दी.
इससे पहले सोमवार को सुनवाई के दौरान जब राज्य सरकार के अधिवक्ता ने यह बताया कि निर्देश प्राप्त करने के लिए उन्होंने जिलाधिकारी, हरदोई को फोन किया, लेकिन उनका फोन स्विच ऑफ आ रहा है, इस पर अदालत ने सख्त रुख अपनाया था. कोर्ट ने कहा कि जिलाधिकारी जिले का प्रमुख होता है और उसका मोबाइल बंद आ रहा है तो यदि कोई आपात स्थिति आ जाए तो जिलाधिकारी से कोई कैसे संपर्क करेगा. फिर जिलाधिकारी को तलब कर लिया गया. न्यायालय ने मंगलवार को 10.15 बजे कोर्ट के समक्ष उपस्थित होकर उन्हें यह बताने को कहा कि ऐसी क्या परिस्थितियां थीं कि सरकारी वकील के काफी प्रयास के बावजूद उनसे संपर्क नहीं किया जा सका?
न्यायालय ने सुनवाई में अपने आदेश में यह भी कहा कि इस आदेश की जानकारी प्रमुख सचिव गृह को भी दी जाए और यदि उनका फोन भी स्विच ऑफ हो तो मुख्य सचिव को इस आदेश की जानकारी दी जाए. न्यायमूर्ति अब्दुल मोइन की एकल पीठ ने हरदोई के नजाकत अली की ओर से दाखिल याचिका पर यह व्यवस्था दी. याचिका में आठ महीने से आवेदन देने के बावजूद एक्सप्लोसिव लाइसेंस के नवीनीकरण न होने का मुद्दा उठाया गया था.
प्रयागराज डीएम को भी जारी हो चुका अवमानना नोटिसः बता दें कि बीते सप्ताह इलाहाबाद हाईकोर्ट ने अवमानना के मामले में डीएम प्रयागराज रविंद्र कुमार मांदड़ को नोटिस जारी किया था. यह आदेश न्यायमूर्ति सलिल कुमार राय ने आलोक उपाध्याय की अवमानना याचिका पर अधिवक्ता कुंजेश कुमार दुबे को सुनकर दिया है.