छत्तीसगढ़

अनिश्चितकालीन हड़ताल को लेकर फेडरेशन का बड़ा फैसला, घटक दलों की बैठक में लिया गया निर्णय

रायपुर। छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन ने अपनी अनिश्चितकालीन हड़ताल को टाल दिया है। रविवार को फेडरेशन की बड़ी बैठक हुई, जिसमें कर्मचारियों के मुद्दे पर लंबी चर्चा हुई। फेडरेशन प्रमुख कमल वर्मा की अगुवाई में हुई इस बैठक में उपचुनाव और फिर प्रस्तावित नगरीय निकाय उपचुनाव को देखते हुए हड़ताल को टालने का फैसला लिया। बैठक में कर्मचारियों के मुद्दे पर विस्तार से चर्चा की गयी।

बैठक में व्याख्याता नित्यानंद यादव पर हुई कार्रवाई को अनुचित बताया गया। कोरबा के व्याख्याता नित्यानंद यादव ने सोशल मीडिया में डीए को लेकर एक पोस्ट किया था। इस पोस्ट पर संज्ञान लेते हुए डीईओ की अनुशंसा पर डीपीआई ने व्याख्याता को सस्पेंड कर दिया।

फेडरेशन की बैठक में नित्यानंद यादव के निलंबन के मुद्दे पर बहाली का मांगपत्र सौंपने का फैसला लिया गया है। कमल वर्मा ने कहा कि छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन की बैठक में DPI द्वारा व्याख्याता के खिलाफ की गई कार्यवाही को अनुचित बताते हुए तत्काल बहाली करने हेतु फेडरेशन मांग पत्र सौंपेगा। जिला शिक्षा अधिकारी कोरबा और डीपीई को भी फेडरेशन की नाराजगी से अवगत कराया है।

फेडरेशन के प्रांतीय प्रवक्ता जी. आर. चंद्रा ने छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी फेडरेशन के साथ निहारिका कमेटी के हुई चर्चा को बैठक में विस्तार से अवगत कराया। शासन द्वारा कर्मचारी संगठनों की मान्यता को सरलीकरण करने की मांग भी बैठक में की गई।जिसे समिति ने गंभीरता से लिया है। मध्यप्रदेश की भांति छत्तीसगढ़ में चार स्तरीय समयमान वेतनमान एवं अर्जित अवकाश नगदीकरण 300 दिवस करने की मांग को भी समिति के समक्ष प्रमुखता से रखा गया है।प्रदेश के लिपिकों सहितअन्य संवर्ग के वेतन विसंगति का भी मुद्दा रखा गया ,जिसे समिति ने त्वरित कार्रवाई कर निराकरण करने का आश्वासन दिया गया।बैठक में जी. आर. चंद्रा, रोहित तिवारी, आर के रिछारिया,पंकज पांडेय,सत्येंद्र देवांगन, कैलाश चौहान,राकेश शर्मा, ऋतु परिहार,सुनील कौशिक,योगेश चौरे,उमेश मुदलियार,संतोष वर्मा, रीना राजपूत, सुमन शर्मा सहित भारी संख्या में कर्मचारी नेता उपस्थित रहे।

Manoj Mishra

Editor in Chief

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