शारदीय नवरात्र नौ दिनों का पावन त्योहार है, जो 12 अक्टूबर को समाप्त होगा। प्रत्येक दिन, भक्त देवी दुर्गा और उनके नौ अवतारों की पूजा करते हैं। नौ रूपों को नवदुर्गा के नाम से भी जाना जाता है, जिनमें मां शैलपुत्री, मां ब्रह्मचारिणी, मां चंद्रघंटा, मां कुष्मांडा, मां स्कंदमाता, मां कात्यायनी, मां कालरात्रि, मां महागौरी और मां सिद्धिदात्री हैं। चौथे दिन मां कुष्मांडा की पूजा ( ) की जाती है। ऐसा कहा जाता है कि देवी के इस स्वरूप की पूजा करने से जीवन में आ रही बाधाएं समाप्त होती हैं।
वहीं, नवरात्र के दौरान रात्रि पूजा का विशेष महत्व है, तो देवी पूजा का मुहूर्त जानते हैं, जिसमें पूजा करके आपका सोया हुआ भाग्य भी जाग सकता है। इसके साथ ही चौथे दिन के कुछ नियम हैं, उन्हें भी जानना बहुत ज्यादा जरूरी है।