धर्म

इस बार नवरात्रि में एक ही दिन रखा जाएगा अष्टमी और नवमी का व्रत

नवरात्र उत्सव मां दुर्गा को समर्पित होता है। नवरात्रि इस बार तीन अक्टूबर से शुरू होगा, जोकि 11 अक्तूबर तक चलेगा। इस दौरान मां के नौ स्वरूपों की पूजा-अर्चना करने से जहां मनोकामनाएं पूरी होती हैं तो वहीं घर में सुख-शांति का भी वास होता है। इस बार 11 अक्टूबर को महाष्टमी और महानवमी का व्रत होगा। विभिन्न पंचांगों के अनुसार इस बार चतुर्थी तिथि की वृद्धि तथा नवमी तिथि का क्षय होने पर भी पूरा पक्ष 15 और नवरात्र नौ दिनों की होगी। भक्तजन नौ दिन पाठ करेंगे। परंतु, 10 अक्टूबर को आतर है। 11 अक्टूबर को महाअष्टमी और नवमी की पूजा होगी। शास्त्रों के अनुसार सप्तमी और अष्टमी मिला रहने पर महाअष्टमी का व्रत निषेध माना गया है। 10 को सप्तमी और अष्टमी दोनों है। इसलिए श्रद्धालु अष्टमी की पूजा न कर सिर्फ सप्तमी की पूजा करेंगे। अष्टमी तिथि का शुभारंभ 10 को दोपहर 12:32 से होगा, जो 11 अक्टूबर को 12:07 तक रहेगी। नवमी 11 अक्तूबर को 12:08 पर लग जाएगी। 12 अक्टूबर को प्रातः 10:58 तक रहेगी। इसके बाद दशमी तिथि का शुभारम्भ होगा। अतः दशहरा 12 अक्टूबर को मनाया जाएगा।

पूजा-विधि

इस दिन सुबह उठकर जल्गी स्नान कर लें, फिर पूजा के स्थान पर गंगाजल डालकर उसकी शुद्धि कर लें।

घर के मंदिर में दीप प्रज्वलित करें।

मां दुर्गा का गंगा जल से अभिषेक करें।

मां को अक्षत, सिन्दूर और लाल पुष्प अर्पित करें, प्रसाद के रूप में फल और मिठाई चढ़ाएं।

धूप और दीपक जलाकर दुर्गा चालीसा का पाठ करें और फिर मां की आरती करें।

मां को भोग भी लगाएं। इस बात का ध्यान रखें कि भगवान को सिर्फ सात्विक चीजों का भोग लगाया जाता है।

पूजा सामग्री की पूरी लिस्ट

लाल चुनरी

लाल वस्त्र

मौली

श्रृंगार का सामान

दीपक

घी/ तेल

धूप

नारियल

साफ चावल

कुमकुम

फूल

देवी की प्रतिमा या फोटो

पान

सुपारी

लौंग

इलायची

बताशे या मिसरी

कपूर

फल-मिठाई

कलावा

Manoj Mishra

Editor in Chief

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