हिन्दू धर्म में शारदीय नवरात्रि का खास महत्व माना जाता है। नवरात्रि में मां दुर्गा देवी के 9 स्वरूपों की पूजा की जाती है। कई भक्त जन विधि-विधान के साथ कलश व घटस्थापना कर 9 दिनों तक व्रत भी रहते हैं। नवरात्रि के आखिरी दिन हवन पूजन व कन्या पूजन कर व्रत का समापन किया जाता है। आइए जानते हैं नवरात्रि का पहला कब है, और पंडित जी से कलश स्थापना व घटस्थापना का शुभ मुहूर्त-
कब है नवरात्रि का पहला दिन: हिन्दू पंचांग के अनुसार, आश्विन मास की शुक्ल पक्ष प्रतिपदा तिथि की शुरुआत अक्टूबर 02, 2024 को रात 12:18 बजे से होगी, जिसकी समाप्ति अक्टूबर 03, 2024 की रात 02:58 बजे होगी। ऐसे में उदया तिथि के अनुसार, 3 अक्टूबर से शारदीय नवरात्रि की शुरुआत होगी।
कलश स्थापना व घटस्थापना का शुभ मुहूर्त: आचार्य गोविंद शरण पुरोहित के अनुसार, शारदीय नवरात्र आश्विन शुक्ल प्रतिपदा तीन अक्तूबर को कलश स्थापना का मुहूर्त प्रात: 06.07 बजे सुबह से 09.30 बजे तक है। उसके बाद अभिजीत मुहूर्त दिन में 11.37 से 12.23 तक अति शुभ रहेगा। प्रात: से शाम तक कभी भी घट स्थापन किया जा सकता है।पहले दिन किस देवी की होगी पूजा- शारदीय नवरात्रि के पहले दिन मां दुर्गा के पहले स्वरूप मां शैलपुत्री की पूजा की जाती है। नवरात्रि की प्रतिपदा तिथि पर घटस्थापना व कलश स्थापना करने के बाद शैलपुत्री माता का ध्यान किया जाता है।
मां दुर्गा पूजा-विधि
1- स्नान आदि कर मंदिर की साफ सफाई करें
2- माता दुर्गा का जलाभिषेक करें
3- मां दुर्गा का पंचामृत सहित गंगाजल से अभिषेक करें
अब माता को लाल चंदन, सिंदूर, शृंगार का समान और लाल पुष्प अर्पित करें
5- मंदिर में घी का दीपक प्रज्वलित करें
6- पूरी श्रद्धा के साथ माता दुर्गा की आरती करें
7- माता को भोग लगाएं
8- अंत में क्षमा प्रार्थना करें
डिस्क्लेमर: इस आलेख में दी गई जानकारियों पर हम यह दावा नहीं करते कि ये पूर्णतया सत्य एवं सटीक हैं। विस्तृत और अधिक जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ की सलाह जरूर लें।