छत्तीसगढ़ के राजस्व मंत्री पर आरोप लगाने वाले सिमगा के तहसीलदार नीलमणि दुबे को सस्पेंड कर दिया गया है। यह आदेश गुरुवार देर शाम जारी किया गया। आदेश में कहा गया है कि नीलमणि दुबे ने शासन के खिलाफ मीडिया में बयान दिया है।
राजस्व और आपदा प्रबंधन विभाग की ओर से जारी आदेश में कहा गया है कि तहसीलदार नीलमणि का आचरण छत्तीसगढ़ सिविल सेवा अधिनियम का उल्लंघन है। इस कारण उन्हें तत्काल प्रभाव से निलंबित किया जा रहा है। निलंबन के दौरान उनका कार्यालय मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी जिले में होगा।
अधिकारियों को मनचाही पोस्टिंग दी गई: दुबे
कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ के प्रदेश अध्यक्ष नीलमणी दुबे ने आरोप लगाया था कि मंत्री के निजी बंगले में नतमस्तक होने वाले अधिकारियों को मनचाही पोस्टिंग दी गई है, जिसमें कोई निश्चित मापदंड नहीं अपनाया गया है।
नीलमणी दुबे ने आरोप लगाया था कि जिस अधिकारी के सेवानिवृत्ति में केवल 6 महीने बाकी हैं, उनका भी स्थानांतरण कर दिया गया है। यही नहीं, 55 साल के एक अधिकारी जो आईसीयू में भर्ती हैं, उनका भी तबादला कर दिया गया है।
संघ ने दुबे के बयान से किया किनारा
इधर छत्तीसगढ़ कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ ने अपने अध्यक्ष नीलमणि दुबे के बयान से किनारा कर लिया था। संघ ने कहा है कि दुबे का बयान व्यक्तिगत है और इसके लिए संघ कोई जिम्मेदारी नहीं लेता है। संघ ने अपने सदस्यों को भविष्य में ऐसे बयान नहीं देने की चेतावनी भी दी है। लेकिन नीलमणि दुबे अपने बयान पर कायम हैं।
नीलमणि दुबे के इस बयान के बाद संघ ने एक प्रेस विज्ञप्ति जारी कर उनके बयान का खंडन किया और उसे नीलमणि दुबे का व्यक्तिगत बयान बताया। संघ ने कहा कि कनिष्ठ प्रशासनिक सेवा संघ का इस बयान से कोई सरोकार नहीं है।