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इस गांव के हर मर्द की है दो बीवी, सगी बहनों की तरह रहती हैं सौतनें, एक ही पति से चलाती हैं काम

भारत में हर कुछ कदम चलने के बाद अलग खान-पान और रस्मों-रिवाज देखने को मिलते हैं. यूं ही भारतीय संस्कृति को समृद्ध नहीं कहा जाता. यहां हर कुछ दूरी पर लोगों की परम्पराएं और मान्यताएं बदल जाती है. भारत में शादी-ब्याह के बंधन को काफी पाक माना जाता है. कहते हैं कि अगर एक बार शादी हो गई तो ये सात जन्मों का रिश्ता बन जाता है. यानी अगले सात जन्म तक वो पति-पत्नी बने रहेंगे.भारत में हिंदू धर्म में एक ही शादी की इजाजत है. यहां पोलिगैमी यानी एक से अधिक शादियां करना कानून अपराध है. ऐसे में आज हम आपको एक ऐसे गांव के बारे में बताने जा रहे हैं, जहां के हर मर्द ने दो शादियां कर रखी है. जी हां, ये गांव राजस्थान के जैसलमेर में स्थित है. इसका नाम है रामदेयो की बस्ती. इस गांव के जितने भी बुजुर्गों से आप मिलेंगे, सबने दो शादी कर रखी है. इसके पीछे खास कारण भी है.साथ रखते हैं दो बीवी
रामदेयो की बस्ती में हर मर्द ने दो शादियां कर रखी है. सबसे हैरानी की बात तो ये है कि जहां आमतौर पर सौतनें एक-दूसरे का मुंह देखना पसंद नहीं करती, वहीं इस गांव में दोनों बीवियां बहनों की तरह रहती हैं. वो एक ही छत के नीचे अपना पति बांटती हैं. गांव वालों का कहना है कि दो शादी की वजह से यहां कभी महिलाओं के बीच लड़ाइयां नहीं होती. वो तो बेहद प्रेम से बहनों की तरह रहती हैं और आपसी सहमति से अपना पति बांटती हैं.शादी की ये है वजह
गांव वालों के मुताबिक़, यहां जब भी कोई मर्द पहली शादी करता है तो या तो पत्नी गर्भवती नहीं होती या फिर उसकी बेटी होती है. ऐसे में बेटे के लिए उन्हें दूसरी शादी करनी पड़ती है. जैसे ही मर्द दूसरी शादी करता है, उसका बेटा हो जाता है. इस विश्वास के चक्कर में यहां के मर्द दो शादियां करते हैं. हालांकि, अब युवा पीढ़ी इस बात से सहमत नहीं हैं. अब की जेनरेशन ने दो शादियों के इस कांसेप्ट को अपनाने से इंकार कर दिया है. हालांकि, पहले जमाने के सभी व्यक्तियों ने दो शादी की परंपरा को निभाया है.

Manoj Mishra

Editor in Chief

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